नई दिल्ली। भारत की यात्रा पर आए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने कहा है कि वह अपने देश की जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होने देंगे। प्रचंड ने अपनी भारत यात्रा को सफल बताया है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत काफी सार्थक रही और इसने दोनों देशों के संबंधों को मजबूत किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि मधेसी समस्या का हल जल्द निकाल लिया जाएगा और मधेसियों को उनका अधिकार दिया जाएगा।
भारत के खिलाफ नेपाल का इस्तेमाल नहीं
प्रचंड शनिवार को हिमाचल प्रदेश के रामपुर में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) द्वारा संचालित भारत की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना को देखने पहुंचे थे। इस दौरान भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान की ओर से नेपाल का इस्तेमाल करने की कोशिशों के बारे में जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘नेपाल अपनी सरजमीं का इस्तेमाल पड़ोसी देशों के खिलाफ गतिविधियों के लिए नहीं करने देगा। भारत एक मित्र देश है और इसके साथ हमारे अच्छे संबंध हैं।’
मोदी से बातचीत सफल
इसके अलावा प्रचंड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत को सार्थक बताया। उन्होंने कहा, ‘दिल से बात हुई, खुल कर बात हुई और दोनों देशों ने आगे बढ़ने के लिए नए रास्ते तलाशे हैं। इसने दोनों देशों के संबंधों को मजबूत किया है।’
मधेसी समस्या का हल जल्द
प्रचंड ने यह भी कहा कि नेपाल में मधेसी समस्या का समाधान भी जल्द ही निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मधेसियों के साथ गंभीरता के साथ बातचीत कर रही है और संविधान के भीतर उनकी उचित मांगों को समाहित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम उनके साथ (मधेसी) बातचीत कर रहे हैं। यहां आने से पहले हमने उनके साथ बैठक की। बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। मैं इस बात को लेकर आशान्वित हूं कि इस समस्या का एक सकारात्मक समाधान जल्द ही हासिल कर लिया जाएगा।’ हालांकि, प्रचंड ने यह नहीं बताया कि समस्या का समाधान कब तक निकाल लिया जाएगा।
चीन से भी बढ़िया रिश्ते
चीन के साथ नेपाल के संबंधों के बारे में पूछे जाने पर प्रचंड ने कहा कि उनका देश भारत और चीन दोनों के साथ संतुलित रिश्ता चाहता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की हाल में होने वाली नेपाल यात्रा कुछ मुद्दों की वजह से परवान नहीं चढ़ सकी तो उन्होंने कहा कि चिनफिंग की यात्रा को लेकर उच्चस्तरीय बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा, ‘किसी तरह का मतभेद नहीं है। हमें उम्मीद है कि यह उच्च स्तरीय यात्रा जल्द होगी।’