वॉशिंगटन। अमेरिकी कांग्रेस ने पाकिस्तान से आठ F-16 जेट्स बेचने का प्लान टाल दिया है। पाकिस्तानी न्यूजपेपर डॉन ने मंगलवार को कांग्रेनल और डिप्लोमैटिक सूत्रों के हवाले यह खबर छापी है। पाकिस्तान को अमेरिका द्वारा F-16 फ्लाइट देने को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी। अमेरिकी सांसदों ने इस मामले में नोटिस के जरिए इस मामले में सफाई और जानकारी देने की मांग की थी। इन्होंने पाकिस्तान को एयरक्राफ्ट देने में जल्दबाजी नहीं दिखाने को कहा था।
डॉन के मुताबिक ओबामा प्रशासन को भी सिनेट की तरफ से पाकिस्तान के साथ होने वाली इस डील को रोकने का नोटिस मिला था। डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हालांकि पाकिस्तान के साथ F-16 की डील में केवल देरी की गई है। यदि ओबामा प्रशासन इस डील पर आगे बढ़ता है तो कोई अड़चन की आशंका नहीं है।’
अमेरिकी सरकार के अधिकारियों ने कहा कि वे पाकिस्तान से इस मामले में लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि पठानकोट में अटैक और अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले को लेकर पाकिस्तान के साथ संपर्क में हैं। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान इन मामलों में ठोक ऐक्शन ले। अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान और भारत में मधुर रिश्तों के लिए यह बहुत जरूरी है।
पठानकोट में आतंकी हमले के बाद अमेरिकी सांसदों ने खुलकर भारत का समर्थन किया है। इन सांसदों ने दो टूक कहा है कि पठानकोट मामले में जब तक पाकिस्तान ईमानदारी से ऐक्शन नहीं लेता है तब तक उसे कोई मिलिटरी मदद अमेरिका की तरफ से नहीं मिलनी चाहिए। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, ‘हमलोग इस चुनौतीपूर्ण समय को समझते हैं। यह जटिल संबंध है। हम पाकिस्तान की सभी चीजों से सहमत नहीं हो सकते। हम चाहते हैं वह शब्दों से आगे निकल ईमानदारी से ऐक्शन ले।’
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक अमेरिकी सराकार को रिपब्लिकन नियंत्रण वाले कांग्रेस से पाकिस्तान के लिए F-16 का अप्रूवल कराना बहुच कठिन है। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के 20 से ज्यादा सांसदों ने इंडिया का खुलकर समर्थन किया है।