
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को मीडिया को बताया कि सरकार इस योजना पर गंभीरता से हर पहलुओं पर विचार कर रही है, लेकिन इस योजना को 15 जनवरी के बाद लागू करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। पहले आंकड़ों और ट्रेंड पर गहनता से अध्ययन किया जाएगा उसके बाद ही कोई निर्णय किया जाएगा।
इससे पहले हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार की दलील के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि राजधानी में ऑड-ईवन फॉर्मूले को 15 जनवरी के बाद भी लागू किया जाएगा। लेकिन दिल्ली सरकार ने साफ कर दिया कि न तो 15 जनवरी से पहले इस स्कीम को खत्म किया जाएगा। न ही फिलहाल 15 जनवरी के बाद इसे लागू रखने की कोई योजना है।
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में कहा था कि इस नियम की सफलता के लिए दो हफ्ते का समय कम है। लोग जिस तरह से इसका समर्थन कर रहे हैं, उसे देखते हुए योजना को आगे बढ़ाया जाना सही होगा। हाईकोर्ट इस मामले पर पर 11 जनवरी को फैसला देगा।
दिल्ली सरकार का कहना है कि प्रदूषण के आंकड़े जुटाने के लिए एक हफ्ते का समय काफी नहीं है। इसके लिए कम से कम से कम 15 दिन का समय चाहिए। दिल्ली सरकार ने यह दलील भी दी कि 5 जनवरी को राजधानी में मुख्य प्रदूषक तत्व माइक्रो पार्टिकल्स का स्तर दिसंबर के 500 की तुलना में घटकर 391 के स्तर पर आ चुका था।
कम नहीं हुआ प्रदूषण
ऑड-ईवन स्कीम को दिल्ली में 1 जनवरी को लागू किया गया था। दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि इस स्कीम से दिल्ली का प्रदूषण कम होगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि सरकार की इस स्कीम से प्रदूषण कम क्यों नहीं हो सका। तब दिल्ली सरकार का कहना था कि आंकड़ों में भले ही प्रदूषण का स्तर कम न हुआ हो, लेकिन इस योजना की वजह से राजधानी में प्रदूषण बढ़ने से रुक गया है।