इस बार 17 अप्रैल को आ रही रामनवमी के लिए अयोध्या सजधज कर पूरी तरह तैयार है। सुरक्षा के पुख्ता और अभूतपूर्व इंतजाम हैं। जनवरी में हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद यह पहला मौका है, जब अयोध्या में इतनी भीड़, इतनी सुरक्षा देखी जा रही है।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया जानने के लिए अमर उजाला ने कुछ लोगों से बात की। नवमी से पूर्व दर्शन के लिए मुंबई से अयोध्या पहुंचे निमिष बताते हैं कि आमतौर पर बड़े मंदिरों को लेकर यह धारणा होती है कि आप वहां जाएंगे, कुछ पैसे देकर या पर्ची कटवा कर गर्भगृह तक पहुंचेंगे और अपने मन का प्रसाद चढ़ाएंगे। बदले में वहां के पुजारी कुछ भक्तों के गले में माला डाल देंगे या चढ़ावे में आई कोई चीज उन्हें प्रसाद स्वरूप दे देंगे। वह कहते हैं कि रामलला के मंदिर में आकर यह धारणा बदली हुई दिखती है। मंदिर बने कुछ ही वक्त बीता है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि यहां की व्यवस्थाओं में समरसता पिरोई हुई है। यहां एक कतार, एक व्यवस्था, एक प्रसाद है। प्रसाद पाने के लिए कोई मारामारी नहीं है। आप मंदिर तक पहुंचें, दर्शन करें और मंदिर से बाहर निकलते वक्त इत्मीनान से प्रसाद लें। रामनवमी के मौके पर तीन दिन वीआईपी, शयन आरती जैसे पास बंद हैं।
1# आगमन
शुरुआत रेलवे स्टेशन से करते हैं, जहां से अधिकतर श्रद्धालुओं का आगमन होता है। अयोध्या में दो स्टेशन है। पहला है अयोध्या कैंट। यहां से राम मंदिर की दूरी करीब 11.5 किलोमीटर है। अयोध्या एयरपोर्ट से भी यह दूरी इतनी ही है। वैसे यह सफर आधे घंटे का है, लेकिन भीड़ की वजह से आपको राम मंदिर के नजदीक तक पहुंचने में 50 मिनट का समय भी लग सकता है।
दूसरा स्टेशन है अयोध्या धाम जंक्शन। यह राम मंदिर के करीब है। फासला करीब डेढ़ किलोमीटर का है। अगर ई-रिक्शा करते हैं तो 10 मिनट के अंदर मंदिर के नजदीक पहुंच सकते हैं। अगर बस से पहुंचना चाहते हैं तो नयाघाट पर अस्थायी बस अड्डा बनाया गया है। अयोध्या के आसपास के जिलों के लिए यहां से बसें चल रही हैं। इस बस अड्डे से राम मंदिर की दूरी करीब चार किलोमीटर है, जिसे तय करने में आपको 25 मिनट का वक्त लग सकता है।
अगर आप इस कोशिश में हैं कि वीआईपी पास के जरिए रामलला के दर्शन कर सकते हैं तो फिलहाल भूल जाइए। 18 अप्रैल तक वीआईपी दर्शन संभव नहीं है। आपको आम लोगों के साथ कतार में लगकर ही दर्शन करने होंगे। सुबह 3.30 बजे से दर्शन हो सकेंगे। सुबह पांच बजे शृंगार आरती होगी। इसके बाद दोपहर 12 बजे राम जन्म के समय मुख्य आरती होगी। भोग आरती दोपहर 12:30 बजे होगी। संध्या आरती में शाम 6:15 बजे होगी। रात 11 बजे तक दर्शन हो सकेंगे। अगले दिन यानी 18 अप्रैल को सुबह 6 बजे से दर्शन हो सकेंगे।
– मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको कम से कम 15 ड्रॉप डाउन बैरियर को पार करना होगा। दर्शन के बाद अंगद का टीला से होते हुए आप बाहर निकल सकेंगे।
– अयोध्या के अंदर 13 किलोमीटर लंबे राम पथ पर बाहरी वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। बाकी प्रमुख मार्गों पर भी बंदिशें हैं। अगर आप अपने वाहन से अयोध्या पहुंचना चाहते हैं तो आपको राम मंदिर के आसपास तक पहुंचने या पार्किंग की जगह खोजने में कठिनाई होगी। यह मानकर चलिए कि 17 और 18 नवंबर को आपको अयोध्या में काफी पैदल चलना पड़ सकता है।
– मंदिर परिसर में मोबाइल फोन ले जाने पर पूरी तरह पाबंदी है। अगर साथ में कुछ सामान है तो आपको उसे लॉकर में रखने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। मंदिर परिसर में प्रवेश के बाद पहले टोकन लेकर जूते-चप्पल रख सकते हैं। थोड़ी दूर दाईं ओर मोबाइल, स्मार्टवॉच और बाकी सामान लॉकर में रख सकते हैं।
– बेहतर होगा कि कुछ नकदी जेब में रखें ताकि लॉकर के इस्तेमाल की जरूरत न पड़े।
– मंदिर परिसर के मुख्य द्वार पर बुजुर्गों और निःशक्तों के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था है। हालांकि, श्रद्धालुओं की बढ़ती तादाद को देखते, इसके लिए कुछ इंतजार करना पड़ सकता है।
– मंदिर परिसर में प्रवेश से लेकर बाहर निकलने तक करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलना पड़ सकता है।
– मंदिर में प्रसाद चढ़ाने की सुविधा भी फिलहाल नहीं है। मंदिर प्रशासन की तरफ से जो प्रसाद वितरित होता है, आपको वही ग्रहण करना पड़ेगा।