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त्रिपुरा के रूझान भी बता रहे है कि कांग्रेस ने जिस पार्टी से मिलाया हाथ उसकी डूबी नैय्या

नई दिल्ली, त्रिपुरा के रुझानों में भाजपा बहुमत हासिल करती दिख रही है। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने नतीजों से पहले ही जीत का जश्न भी मनाना शुरू कर दिया है। वहीं, कांग्रेस को इस चुनाव में भी बड़ी हार मिल रही है। कांग्रेस ने 2014 के बाद जिस भी राज्य के चुनाव में वहां की जनाधार वाली पार्टी से हाथ मिलाया है, उस पार्टी की भी कांग्रेस के साथ नैया डूबी है। त्रिपुरा चुनाव के हालिया रुझान भी इस कहानी को बता रहे हैं।

त्रिपुरा ने भी नकारा लेफ्ट-कांग्रेस का साथ

त्रिपुरा चुनाव के रुझानों में जहां एक ओर भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है तो वहीं लेफ्ट और कांग्रेस के गठबंधन को बुरी हार मिलती दिख रही है। पिछली बार 16 सीट जीतने वाली लेफ्ट (CPIM) इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बाद भी कुल 14 सीटें लाती दिख रही है। लेफ्ट फिलहाल 11 तो कांग्रेस 3 सीटों पर आगे है।

बंगाल में भी मिली थी बड़ी हार

पश्चिम बंगाल में 2021 में हुए विधानसभा चुनाव (2021 West Bengal Legislative Assembly Election) में भी लेफ्ट और कांग्रेस  ने एक साथ चुनाव लड़ा था। ममता बनर्जी और भाजपा को हराने के लिए एक साथ आए कांग्रेस और लेफ्ट को वहां भी मतदाताओं ने झटका दिया था। यहां तक की कांग्रेस गठबंधन का वहां खाता तक नहीं खुला था। ममता की पार्टी टीएमसी को जहां 294 में से 219 सीटें मिली थीं तो वहीं भाजपा 70 सीटों के साथ दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।

यूपी में ‘लड़कों की जोड़ी’ फेल

यूपी के 2017 के विधानसभा चुनाव (UP Election 2017) में कांग्रेस और सपा ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में भी कांग्रेस के साथ सपा की नैया डूबी थी। कांग्रेस ने सपा के साथ मिलकर ये चुनाव ये कहते हुए लड़ा था कि इस बार प्रदेश में दो लड़कों की जोड़ी जीतेगी। हालांकि, प्रदेश की जनता ने यूपी में भाजपा को बड़ा बहुमत दिया। भाजपा ने कुल 403 सीटों में से 384 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे और उसे 312 पर बम्पर जीत मिली थी। वहीं, कांग्रेस और सपा गठबंधन को 54 सीट मिली थी। जिसमें कांग्रेस को 7 तो सपा को 47 सीटें मिली थी।