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भारत की अध्यक्षता में हुआ जी.20 शिखर सम्मेलन काफी सफल रहा, बाइडन जी.20 से आने के बाद से ही बेहद सकारात्मक और आशावादी महसूस कर रहे हैं।

वाशिंगटन अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के रणनीतिक संपर्क समन्वयक जॉन किर्बी ने एक सवाल के जवाब में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बाइडन जी-20 से आने के बाद से ही बेहद सकारात्मक और आशावादी महसूस कर रहे हैं।

इस साल भारत की अध्यक्षता में हुआ जी-20 शिखर सम्मेलन काफी सफल रहा। दुनियाभर में जी-20 की सफलता की प्रशंसा हो रही है। व्हाइट हाउस सम्मेलन के बाद से ही भारत और पीएम मोदी की तारीफों के पुल बांध रहा है। एक बार फिर अमेरिका ने जी-20 की अध्यक्षता के लिए भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया और कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन दिल्ली में नेताओं के शिखर सम्मेलन से बहुत सकारात्मक और आशावादी महसूस कर रहे हैं।

अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के रणनीतिक संपर्क समन्वयक जॉन किर्बी ने एक सवाल के जवाब में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बाइडन जी-20 से आने के बाद से ही बेहद सकारात्मक और आशावादी महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा मतलब है कि जी-20 में जरूरी मुद्दों पर सफल बात हुई। इसलिए हम सभी जी-20 की सफल अध्यक्षता के लिए प्रधानमंत्री मोदी और भारत के आभारी हैं। किर्बी ने नौ और 10 सितंबर को दिल्ली में हुए शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि यह दो दिन बहुत ही सार्थक रहे।

दरअसल, जॉन किर्बी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें उच्च स्तरीय सत्र के लिए अमेरिका की प्राथमिकताओं के साथ-साथ विदेश नीति के अन्य मुद्दों पर सोमवार को न्यूयॉर्क फॉरेन प्रेस सेंटर में संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

बाइडन आज संयुक्त राष्ट्र महासभा के हॉल में 193 सदस्यीय महासभा के नेताओं को संबोधित करेंगे। किर्बी ने आगे कहा कि उच्च स्तरीय सप्ताह के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बाइडन के एजेंडे पर कोई द्विपक्षीय चर्चा नहीं हुई है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की मौजूदगी से वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं से ध्यान हटाने के बारे में पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में किर्बी ने कहा कि बाइडन वैश्विक दक्षिण के बारे में बात करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने पिछले जी-20 में एक जहाज और रेल गलियारे की घोषणा की थी, जो भारत को पश्चिम एशिया और इटली के रास्ते यूरोप से जोड़ेगा।

उन्होंने कहा कि बाइडन जरूरतों को पूरा करने और ग्लोबल साउथ की चिंताओं को दूर करने पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और यह पहले दिन से ही उनके लिए प्राथमिकता रही है। आप कल उन्हें इस बारे में बात करते सुनेंगे।