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एक ही मंच पर विपक्ष के कई दिग्गज नेताओं की मोर्चाबंदी, नीतिश बोले यह तीसरा मोर्चा नहीं है, यह तो पहला मोर्चा है, हम सब एक साथ रहेंगे, तो ही मजबूत होंगे

फतेहाबाद पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व.चौधरी देवीलाल की 109वीं जयंती पर रविवार को इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) फतेहाबाद में सम्मान दिवस रैली कर रही है। इस दौरान एक ही मंच पर विपक्ष के कई दिग्गज नेता मौजूद हैं। इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम शरद पवार, माकपा नेता सीताराम येचुरी और जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी मौजूद हैं।

रैली को संबोधित करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह तीसरा मोर्चा नहीं है, यह तो पहला मोर्चा है। हम सब एक साथ रहेंगे, तो ही मजबूत होंगे। मैं प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं हूं। मैं सिर्फ भाजपा के खिलाफ विपक्ष को साथ लाने की कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि पिछले चुनावों के दौरान भाजपा हमारे उम्मीदवारों को हराने की कोशिश कर रही थी। केंद्र ने पिछड़े राज्य के लिए जो वादा किया था, वह पूरा नहीं किया। बिहार में आज सात पार्टियां एक साथ काम कर रही हैं। उनके पास 2024 का चुनाव जीतने का कोई मौका नहीं है।

नीतीश ने कहा कि मैं कांग्रेस सहित सभी दलों से एक साथ आने का आग्रह करूंगा और फिर वे (भाजपा) 2024 के लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हारेंगे। उन्होंने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कोई लड़ाई नहीं है। भाजपा गड़बड़ी पैदा करना चाहते हैं, उनके बीच मतभेद पैदा करना चाहते हैं।

अब कोई एनडीए नहीं: तेजस्वी
इसके बाद बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि आज देश की जो स्थिति बनी हुई है वो किसी से छुपी नहीं है। वो (भाजपा) लोग चाहते हैं कि इस देश का सब कुछ समाप्त हो जाए, केवल भाजपा, संघ और उनके कुछ साथी रह जाए। आज हम उन किसानों को धन्यवाद देते हैं जिनके बेटे जवान(फौजी) हैं क्योंकि जवानों ने देश को बचाने का काम किया है। मैं आप लोगों का धन्यवाद करने आया हूं कि किसानों ने किसान आंदोलन कर संघियों को अच्छे से सबक सिखाने का काम किया। उन्होंने कहा कि अब कोई एनडीए नहीं है। शिवसेना, अकाली दल, जद (यू) जैसे भाजपा सहयोगियों ने लोकतंत्र को बचाने के लिए इसे छोड़ दिया है।

किसानों पर ध्यान नहीं दे रही सरकार: पवार
राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने इनेलो की रैली में कहा कि किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन सरकार ने लंबे समय तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। पवार ने कहा कि सरकार ने किसान नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का वादा किया था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि 2024 में सरकार परिवर्तन सुनिश्चित करने की दिशा में सभी के लिए काम करने का समय आ गया है। हमारे किसान और युवा आत्महत्या करने को मजबूर हैं। इसका अब तक कोई समाधान नहीं निकाला गया।