एलजीबीटीक्यू अधिकारों के लिए बड़ा कदम सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट भारत में समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने के मुद्दे पर सुनवाई को तैयार नजर आया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। सरकार 15 फरवरी तक अपना जवाब दाखिल करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 मार्च की तारीख तय की है। यह मामला मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने आदेश लिखवाते हुए कहा कि चूंकि एक ही विषय पर विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष कई याचिकाएं लंबित हैं, हम सभी याचिकाओं को इस न्यायालय के समक्ष स्थानांतरित करने का निर्देश देते हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं को आभासी मंच पर उपस्थित होने और अपनी प्रस्तुतियाँ आगे बढ़ाने की स्वतंत्रता प्रदान की है। जो भी इसके लिए पूछेगा उसे लिंक प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय एजेंसियों को नोटिस जारी किया जाएगा। जवाबी हलफनामा 15 फरवरी 2023 तक दायर किया जाना है।