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राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत घोषित करने की प्रक्रिया जारी : सुप्रीमकोर्ट

नई दिल्ली भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह इससे जुड़े अतिरिक्त सबूत मंत्रालय को दे सकते हैं।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने की प्रक्रिया में है और इस पर विचार चल रहा है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह इससे जुड़े अतिरिक्त सबूत मंत्रालय को दे सकते हैं।

राम सेतु, तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट से पांबन द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट से दूर मन्नार द्वीप के बीच चूने के पत्थरों की एक श्रृंखला है। इसे आदम का पुल भी कहा जाता है।

भाजपा नेता ने स्वामी ने कहा है कि वह मुकदमे का पहला दौर जीत चुके हैं, जिसके तहत केंद्र सरकार ने राम सेतु के अस्तित्व को स्वीकार किया था। उन्होंने कहा कि संबंधित केंद्रीय मंत्री ने उनकी मांग पर विचार करने के लिए 2017 में बैठक बुलाई थी लेकिन बाद में कुछ नहीं हुआ। भाजपा नेता ने इससे पहले की यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में विवादास्पद सेतुसमुद्रम पोत मार्ग परियोजना के खिलाफ अपनी जनहित याचिका में रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मुद्दा उठाया था।

मामला शीर्ष अदालत में पहुंचा, जिसने 2007 में रामसेतु पर परियोजना के लिए काम रोक दिया। तब केंद्र ने कहा था कि उसने परियोजना के ‘‘सामाजिक-आर्थिक नुकसान’’ पर विचार किया और वह राम सेतु को क्षति पहुंचाए बिना पोत मार्ग परियोजना का दूसरा मार्ग खोजना चाहती है। अदालत ने तब सरकार को नया हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।