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CWG के पदकवीरों से मिले पीएम मोदी, आप अपने शौर्य का प्रदर्शन कर रहे थे? तब यहां करोड़ों भारतीय पदक की आस लगाए आपको देख रहे थे

नई दिल्ली बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा था। भारत ने 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य समेत कुल 61 पदक जीते। पदक तालिका में भारतीय टीम चौथे स्थान पर रही थी। भारत की इस कामयाबी के बाद शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक निवास पर पदकवीरों से मुलाकात की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के साथ खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने खिलाड़ियों से कहा कि जब आप बर्मिंघम में अपने शौर्य का प्रदर्शन कर रहे थे, तब यहां करोड़ों भारतीय पदक की आस लगाए आपको देख रहे थे।
पीएम मोदी ने कहा- मुझे खुशी है कि आप सभी ने अपने कार्यक्रम में से समय निकाल कर परिवार के सदस्य के रूप में मेरे आवास पर मुझसे मिलने आए। मैं अन्य सभी भारतीयों की तरह आपसे बात करके गर्व महसूस कर रहा हूं। मैं आप सभी का स्वागत करता हूं।

उन्होंने कहा- पिछले कुछ हफ्तों में देश ने खेल के मैदान में दो बड़ी उपलब्धियां प्राप्त की है। कॉमनवेल्थ गेम्स में ऐतिहासिक प्रदर्शन के साथ-साथ देश ने पहली बार शतरंज ओलंपियाड का आयोजन किया। भारत ने चेस ओलंपियाड का न केवल सफल आयोजन किया बल्कि सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी किया। मैं शतरंज ओलंपियाड में भाग लेने वाले और पदक जीतने वाले सभी खिलाड़ियों को भी बधाई देता हूं।
विजेताओं से मिलकर गर्व की अनुभूति: PM
PM मोदी ने कहा- दो दिन बाद देश आजादी के 75 वर्ष पूरा करने वाला है। यह एक गर्व की बात है कि देश आप सभी की मेहनत से एक प्रेरणादायक उपलब्धि के साथ आजादी के अमृत काल में प्रवेश कर रहा है। कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू होने से पहले मैंने आपसे कहा था और आपसे एक वादा किया था कि जब आप वापस आएंगे तो हम एक साथ ‘विजयोत्सव’ मनाएंगे। मुझे विश्वास था कि आप विजयी होकर वापस आएंगे।
पीएम मोदी ने कहा- आप सभी तो वहां मुकाबला कर रहे थे, लेकिन यहां करोड़ों भारतीय रतजगा कर रहे थे। देर रात तक आपके हर एक्शन, हर मूव पर देशवासियों की नजर थी। बहुत से लोग अलार्म लगाकर सोते थे कि आपके प्रदर्शन का अपडेट लेंगे। पिछली बार की तुलना में इस बार हमने चार नए खेलों में जीत का नया रास्ता बनाया है। लॉन बॉल से लेकर एथलेटिक्स तक, अभूतपूर्व प्रदर्शन रहा है। इस प्रदर्शन से देश में नए खेलों के प्रति युवाओं का रुझान बहुत बढ़ने वाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा- बॉक्सिंग हो, जूडो हो, कुश्ती हो, जिस प्रकार बेटियों ने डॉमिनेट किया, वो अद्भुत है। आप सभी देश को सिर्फ एक मेडल नहीं देते, सेलिब्रेट करने का, गर्व करने का अवसर ही नहीं देते, बल्कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को भी सशक्त करते हैं। आप खेल में ही नहीं, बाकी सेक्टर में भी देश के युवाओं को बेहतर करने के लिए प्रेरित करते हैं।

पीएम मोदी ने कहा- तिरंगे की ताकत क्या होती है, ये हमने कुछ समय पहले ही यूक्रेन में देखा है। तिरंगा युद्धक्षेत्र से बाहर निकलने में भारतीयों का ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों के लोगों के लिए भी सुरक्षा कवच बन गया था। मुझे खुशी है कि खेलो इंडिया के मंच से निकले अनेक खिलाड़ियों ने इस बार बेहतरीन प्रदर्शन किया है। TOPS का भी पॉजिटिव प्रभाव देखने को मिल रहा है। नए टैलेंट की खोज और उनको पोडियम तक पहुंचाने के हमारे प्रयासों को हमें और तेज करना है।

पीएम ने कहा- बेटियों के प्रदर्शन पर देश को गर्व है। मैं पूजा गहलोत (कुश्ती) से बात कर रहा था। उनका इमोशनल वीडियो देखने के बाद मैंने सोशल मीडिया के जरिए उनसे कहा कि उन्हें माफी मांगने की जरूरत नहीं है, वह देश की विजेता हैं। हालांकि, उन्हें अपनी ईमानदारी और मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए।
भारत के पदक विजेता
22 स्वर्णः मीराबाई चानू, जेरेमी लालरिनुंगा, अंचिता शेउली, महिला लॉन बॉल टीम, टीटी पुरुष टीम, सुधीर, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, दीपक पूनिया, रवि दहिया, विनेश, नवीन, भाविना, नीतू, अमित पंघाल, एल्डहॉस पॉल, निकहत जरीन, शरत-श्रीजा, पीवी सिंधु, लक्ष्य सेन, सात्विक-चिराग, शरत।
16 रजतः संकेत सरगर, बिंदियारानी देवी, सुशीला देवी, विकास ठाकुर, भारतीय बैडमिंटन टीम, तूलिका मान, मुरली श्रीशंकर, अंशु मलिक, प्रियंका, अविनाश साबले, पुरुष लॉन बॉल टीम, अब्दुल्ला अबोबैकर, शरथ-साथियान, महिला क्रिकेट टीम, सागर, पुरुष हॉकी टीम।
23 कांस्यः गुरुराजा, विजय कुमार यादव, हरजिंदर कौर, लवप्रीत सिंह, सौरव घोषाल, गुरदीप सिंह, तेजस्विन शंकर, दिव्या काकरन, मोहित ग्रेवाल, जैस्मिन, पूजा गहलोत, पूजा सिहाग, मोहम्मद हुसामुद्दीन, दीपक नेहरा, रोहित टोकस, सोनलबेन, महिला हॉकी टीम, संदीप कुमार, अन्नू रानी, सौरव-दीपिका, किदांबी श्रीकांत, त्रिषा-गायत्री, साथियान।
बर्मिंघम में ऑस्ट्रेलिया 67 स्वर्ण, 57 रजत और 54 कांस्य समेत कुल 178 पदकों के साथ पहले स्थान पर रहा। इंग्लैंड 57 स्वर्ण, 66 रजत और 53 कांस्य समेत 176 पदकों के साथ दूसरे और कनाडा 26 स्वर्ण, 32 रजत और 34 कांस्य समेत 92 पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।