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उडिशा रेल हादसे में जिम्मेदारी लोगों की हुई पहचान, जाने किस वजह से हुआ हादसा

ओडिशा के बालासोर जिले के बाहानगा बाजार में हुए भीषण रेल हादसे के बाद इस एक्सीडेंट के मूल कारण का पता चल गया है। इस रेल हादसे के बाद टूटी इलेक्ट्रिक लाइन और पटरियों की मरम्मत कार्य किया जा रहा है। इस हादसे का निरीक्षण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन जून को किया है। इस एक्सीडेंट के बाद इसके लिए जांच के आदेश दिए गए है।

इस घटना के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लगातार दूसरे दिन भी ओडिशा के बालासोर में ट्रेन एक्सीडेंट पर चल रहे मरम्मत कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ट्रेन हादसे के कारण का भी खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि इस हादसे की जांच की गई है। इसकी जांच रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने की है। हादसे के कारण का भी पता चला है। इस हादसे में जो लोग जिम्मेदार है, उनकी पहचान कर ली गई है। इस हादसे का मुख्य कारण इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव बताया गया है। इस कारण ही ये एक्सीडेंट हुआ है।

तेजी से हो ही मरम्मत
दुर्घटनास्थल पर मौजूद रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे दल चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने बताया कि पटरियों से हटाए गए यात्री डिब्बों की गहन तलाशी ली जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षतिग्रस्त डिब्बों के स्टील के पुर्जों में कोई शव फंसा न रह गया हो।

सूत्रों के मुताबिक, रेल हादसे में मृतक संख्या 288 से बढ़कर 295 हो गई है, लेकिन इसकी अभी पुष्टि नहीं हो सकी है। बालासोर जिले में शुक्रवार की शाम लगभग सात बजे शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने के कारण यह हादसा हुआ, जिसमें कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई और 1,100 से अधिक यात्री घायल हो गए। इस हादसे के बाद से महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के बीच यात्रियों एवं सामान का आवागमन बाधित हो गया है। इस हादसे को भारत की अब तक की सबसे भीषण रेल दुर्घटनाओं में से एक बताया जा रहा है।