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विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पीएम मोदी ने कहा-उन भारतवासियों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करने का अवसर है, जिनका जीवन देश के बंटवारे की बलि चढ़ गया

भारत का विभाजन मानव इतिहास में सबसे बड़े विस्थापनों में से एक है, जिससे लगभग 20 से 25 लाख लोग प्रभावित हुए थे। लाखों परिवारों को अपने पैतृक गांवों, कस्बों और शहरों को छोड़ना पड़ा था और शरणार्थी के रूप में संघर्षमय जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ा था। बहुत से विद्वान मानते हैं कि उस समय कांग्रेस ने सत्ता लोलुपता ना दिखाई होती और अंग्रेजों के आगे घुटने नहीं टेके होते तो ना तो देश का विभाजन होता ना ही लोगों को विस्थापित होना पड़ता। विभाजन के समय विस्थापित हुए और मारे गये लोगों को आज देशभर में श्रद्धांजलि दी जा रही है। हम आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाए जाने की 2021 में घोषणा की थी। यह दिन 1947 में भारत के विभाजन के दौरान लोगों की पीड़ा और कष्टों का स्मरण कराता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के मौके पर देश के बंटवारे के दौरान जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी। मोदी ने कहा, “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उन भारतवासियों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करने का अवसर है, जिनका जीवन देश के बंटवारे की बलि चढ़ गया। इसके साथ ही यह दिन उन लोगों के कष्ट और संघर्ष की भी याद दिलाता है, जिन्हें विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ा। ऐसे सभी लोगों को मेरा शत-शत नमन।”

दूसरी ओर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने भी ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के मौके पर देश के बंटवारे के दौरान जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी। शाह ने 1947 में धर्म के आधार पर हुए देश के विभाजन को इतिहास का ‘एक काला अध्याय’ बताया और कहा कि इससे उत्पन्न हुई नफरत ने लाखों लोगों की जान ले ली और करोड़ों लोगों को विस्थापित किया। उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘‘देश को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी और कई लोग आज भी इस विभीषिका का दंश झेल रहे हैं। आज ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर उन सभी लोगों को नमन करता हूं, जिन्होंने विभाजन के कारण अपनी और अपने परिजनों की जान गंवाई।’’

 

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘‘1947 का वह काला दिवस जब हमारा राष्ट्र दो टुकड़ों में बंट गया। लाखों लोग बेघर हुए, हिंसा का तांडव चरम पर था, विस्थापन का दंश झेलने को देशवासी विवश थे! यह दिवस उस अकथनीय विभीषिका को स्मरण करने का दिवस है। इस क्रूर घटना में जान गंवाने वाले लोगों को नमन। ‘विभाजन विभीषिका दिवस’ सदैव देशवासियों को अतीत के काले अध्याय का स्मरण कर शांति व सद्भाव की यात्रा के लिए प्रेरित करेगा।’’ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश का विभाजन भारतीय इतिहास का एक ‘अमानवीय अध्याय’ है। उन्होंने कहा, ‘‘आज इस ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर उन सभी लोगों का स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्हें देश के विभाजन के समय अपनी ज़िंदगी गँवानी पड़ी। देश इस विभाजन की विभीषिका कभी नहीं भूलेगा।’’

 

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘‘1947 में धर्म के आधार पर खींची गई विभाजन की लकीर भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय है। इस त्रासदी के कारण करोड़ों लोगों प्रभावित हुए थे। आज ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर उन सभी लोगों को नमन करती हूं, जिन्होंने अपनों को खोने और अपनी मातृभूमि से विस्थापित होने का दर्द झेला।’’