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संसद की विशेष सत्र की शुरुआत पर बोले पीएम मोदी नए संसद भवन में जाने से पहले हमें उन पुराने ऐतिहासिक उपायों को याद कर लेना चाहिए भोपाल बेहद प्रेरक थे इतिहास की लिए बहुत महत्वपूर्ण थी

संसद की विशेष सत्र की शुरुआत 18 सितंबर से हो चुकी है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को संबोधित भी किया है। अपनी संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए संसद भवन में जाने से पहले हमें उन पुराने ऐतिहासिक उपायों को याद कर लेना चाहिए। भोपाल बेहद प्रेरक थे इतिहास की लिए बहुत महत्वपूर्ण थी इन सबको याद करते हुए ही यह आगे बढ़ने का नया मौका है। हम इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। यह ऐतिहासिक भवन आजादी से पहले काउंसिल का स्थान हुआ करता था। आजादी के बाद इसको संसद भवन के तौर पर एक नई पहचान मिली।

उन्होंने कहा कि इस इमारत के निर्माण करने का फैसला विदेशी शासकों ने लिया था, लेकिन हमें गर्व है कि इस संसद भवन के निर्माण में देशवासियों का पसीना और परिश्रम लगा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि 75 सालों की यात्रा के दौरान लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का देश ने सृजन किया है। उन्होंने कहा कि भले ही हम नए भवन में चले जाएंगे लेकिन पुराना भवन आगे आने वाली पीढियां के लिए प्रेरणादायक स्तोत्र बना रहेगा।

उन्होंने कहा कि मैं पहली बार संसद सदस्य बना तो सांसद के तौर पर यहां आया था। संसद भवन के दरवाजे पर शीश झुकाकर इस लोकतंत्र के मंदिर में प्रवेश किया था। संसद भवन भारत के लोकतंत्र की ताकत है। ये लोकतंत्र की ताकत ही है कि एक बच्चा जो रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करता था उसने संसद भवन तक का सफर तय किया है। उन्होंने कहा कि यह मेरी कल्पना से बाहर था कि एक देश बच्चों को इतना आशीर्वाद देगा इतना प्यार देगा।

 जी20 का भी किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान जी20 का जिक्र भी किया है। उन्होंने कहा कि भारत इसपर गर्व करेगा कि जी20 की अध्यक्षता के दौरान ही अफ्रीकन यूनियन को जी20 का सदस्य बनाया गया है। भारत के जरिए ही अफ्रीकन यूनियन की अपेक्षाओं को पूरा करने का काम आया है। भारत की ताकत ही है कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।