आम आदमी को आर्थिक मोर्चे पर राहत देने के लिए मोदी सरकार एक के बाद एक कदम उठा रही है। हम आपको बता दें कि मोदी सरकार ने गैस कीमत तय करने का फॉर्मूला बदल दिया है जिससे सीएनजी और पाइपलाइन वाली रसोई गैस की कीमत 10% घट जायेगी। इसके अलावा सरकारी कर्मियों की पेंशन प्रणाली की समीक्षा करने के लिए सरकार ने एक पैनल गठित करने का ऐलान किया है। इसके अलावा अभी एक दिन पहले ही आरबीआई ने रेपो दर में वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया था जिससे आपकी ईएमआई नहीं बढ़ेगी। माना जा रहा है कि जल्द ही सत्ता में 9 साल पूरे करने जा रही मोदी सरकार आम जनता के लिए और भी सहूलियतों का ऐलान कर सकती है। देखा जाये तो इसमें कोई दो राय नहीं कि पूरी दुनिया वैश्विक मंदी से प्रभावित है और कई देशों में महंगाई 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ रही है लेकिन भारत में महंगाई की दर 6 प्रतिशत से नीचे रहना सरकार और आरबीआई की एक बड़ी कामयाबी ही मानी जायेगी।
ईएमआई नहीं बढ़ेगी
वहीं आरबीआई के फैसले की बात करें तो आपको बता दें कि नीतिगत दर पर भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का फैसले संतुलित और समझदारी भरा कदम है और इससे वृद्धि को गति मिलेगी। आरबीआई मई, 2022 से अपनी सभी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठकों में रेपो दर में बढ़ोतरी करता आ रहा था। लेकिन उसने गुरुवार को ठहराव के पक्ष में फैसला किया। इसके साथ ही मुद्रास्फीति और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के मद्देनजर रेपो दर में एक और बढ़ोतरी का अनुमान सही साबित नहीं हुआ। हम आपको बता दें कि केंद्रीय बैंक मई, 2022 से रेपो दर को ढाई प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर चुका है। देखा जाये तो नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखना एक बेहद स्वागत योग्य खबर है, खासतौर से उस घबराहट को देखते हुए जो ओपेक देशों के उत्पादन में कटौती के बाद बनी थी।
पेंशन योजना की समीक्षा होगी
दूसरी ओर, सरकारी कर्मियों की पेंशन प्रणाली की बात करें तो आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय ने सरकारी कर्मियों की पेंशन प्रणाली की समीक्षा करने के लिए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अगुआई में एक समिति गठित की है। समिति सुझाव देगी कि क्या सरकारी कर्मचारियों पर लागू राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के मौजूदा ढांचे में कोई बदलाव जरूरी है या नहीं। समिति राजकोषीय निहितार्थों और समग्र बजटीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, एनपीएस के तहत शामिल सरकारी कर्मचारियों के पेंशन लाभों में सुधार की दृष्टि से इसे संशोधित करने पर सुझाव देगी। सोमनाथन की अगुआई में समिति में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव, व्यय विभाग के विशेष सचिव और पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन बतौर सदस्य होंगे। हम आपको याद दिला दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने कहा था कि वित्त सचिव की अगुआई वाली समिति सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस के अंतर्गत पेंशन संबंधी मुद्दों को देखेगी। यह घोषणा कई गैर-भाजपाई राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने और कुछ अन्य राज्यों में कर्मचारी संगठनों द्वारा इसकी मांग करने की पृष्ठभूमि में हुई है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के अपने निर्णय के बारे में केंद्र को सूचित करते हुए एनपीएस के तहत संचित कोष को वापस करने का अनुरोध किया है। वित्त मंत्रालय ने पिछले साल संसद को बताया था कि वह एक जनवरी, 2004 के बाद भर्ती हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में ओपीएस बहाल करने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है।
और राहतें मिलेंगी
हम आपको यह भी बता दें कि मोदी सरकार अगले महीने अपनी नौवीं वर्षगांठ मनाने जा रही है और वह अपनी विभिन्न गरीब समर्थक योजनाओं के ‘‘द्वितीय क्रम प्रभाव’’ को उजागर करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि चुनावी वर्ष में देश में इसकी कल्याणकारी पहलों के बारे में चर्चा को जीवित रखा जा सके। आधिकारिक सूत्रों ने यह भी कहा है कि आने वाले दिनों में गरीब कल्याण की दिशा में और मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए मोदी सरकार कुछ और बड़े कदम उठा सकती है।