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रेलवे परीक्षाओं पर मंत्री का बड़ा बयान, लोकसभा ने ‘वित्त विधेयक 2022’ को मंजूरी प्रदान कर दी

लोकसभा ने शुक्रवार को ‘वित्त विधेयक 2022’ को मंजूरी प्रदान कर दी जिससे वित्त वर्ष 2022-23 की बजटीय प्रक्रिया पूरी हो गई। निचले सदन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश 39 सरकारी संशोधनों को स्वीकार करके और विपक्षी दलों के सदस्योंद के संशोधनों को अस्वीकार करके वित्त विधेयक को मंजूरी दे दी। लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार आम लोगों पर कर का कम भार डालने की नीति पर काम करती है और इसका प्रमाण है कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने एवं व्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयासों के दौरान कोई नया कराधान नहीं किया गया जबकि जर्मनी, ब्रिटेन और कनाडा सहित 32 देशों में कर लगाया गया। गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को सदन ने अगले वित्त वर्ष के बजट में विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के लिए प्रस्तावित अनुदानों की मांगों एवं उनसे संबंधित विनियोग विधेयक को ‘गिलोटिन’ (एक साथ बिना चर्चा) के माध्यम से मंजूरी दी थी। इसके बाद संसद में बजटीय प्रक्रिया के तहत शुक्रवार को वित्त विधेयक को लोकसभा की मंजूरी के लिए रखा गया जिसे निचले सदन ने मंजूरी दे दी। वित्त विधेयक को मंजूरी बजटीय प्रक्रिया का अंतिम चरण है।

कोई परीक्षा परिणाम नहीं रोका गया

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद में बताया कि गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (एनटीपीसी) सहित रेलवे में भर्ती के लिए परीक्षाएं आयोजित करने के पश्चात रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा कोई परीक्षा परिणाम नहीं रोका गया है। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (एनटीपीसी) की परीक्षा आयोजित करने के पश्चात रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा कोई परीक्षा परिणाम रोका नहीं गया है।’’ ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बिहार व उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर एनटीपीसी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया के विरोध में अभ्यर्थियों ने हंगामा किया था।

वैष्णव ने कहा कि वर्ष 2017-18 और 2018-19 के दौरान रेलवे भर्ती बोर्ड दो द्वारा विभिन्न समूह-‘ग’ और लेवल-1 (पूर्ववर्ती समूह ‘घ’) पदों की कुल 2,83,747 रिक्तियों के लिए सात नई केंद्रीकृत रोजगार अधिसूचनाएं जारी की गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चार केंद्रीयकृत रोजगार सूचनाओं के तहत 1,43,034 रिक्तियों के लिए भर्ती प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है। इसके अलावा तीन केंद्रीकृत रोजगार अधिसूचनाओं के अंतर्गत 1,40,713 रिक्तियों के लिए भर्ती प्रक्रिया परीक्षा चरण पर है।’’ रेल मंत्री ने बताया कि इसके अलावा रेलवे सुरक्षा बल और रेलवे सुरक्षा विशेष बल ने भी चार रोजगार अधिसूचनाओं के अंतर्गत कुल 10,568 रिक्तियों के लिए भी भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली है। उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2016-17 से 2020-2021 के दौरान विभिन्न समूह ‘ग’ लेवल-1 (सहित) और सुरक्षा संबंधी पदों के लिए कुल 2,00758 उम्मीदवारो को रेल में नियुक्ति के लिए पैनलबद्ध किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्रीय रेलों व उत्पादन इकाइयों द्वारा उम्मीदवारों के चरित्र एवं पूर्ववृत्त सहित सभी पात्रता संबंधी मानदंडों को पूरा करने के आधार पर सभी पैनलबद्ध उम्मीदवारों को नियुक्ति के लिए पेशकश की जाती है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या रेलवे नियुक्तियां करने में ढिलाई बरत रहा है और इसलिए बेरोजगारों को रेलवे सेवा में शामिल होने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहे हैं, वैष्णव ने कहा, ‘‘जी नहीं।’’

विपक्ष ने रसोई गैस की कीमतों पर सरकार को घेरा

विपक्षी दलों ने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि, महंगाई, अर्थव्यवस्था और गरीबों एवं अमीरों के बीच खाई बढ़ने को लेकर लोकसभा में सरकार को घेरा और ‘माल एवं सेवा कर’ (जीएसटी) में राज्यों की जरूरतों का ध्यान रखने एवं क्रिप्टो करेंसी पर रुख स्पष्ट करने की मांग की। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने बजट में गांव, गरीब, किसान और महिलाओं के सशक्तीकरण के साथ रोजगार एवं उद्योग पर खास ध्यान दिया है और इसमें देश को 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का खाका पेश किया गया है। लोकसभा में ‘वित्त विधेयक 2022’ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा कि केंद्र की नीतियों के कारण ऋण बोझ बढ़ता जा रहा है जो अर्थव्यवस्था के लिहाज से ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को बाहरी कारकों के साथ उठाये गये अपने कदमों को उचित ठहराने के बजाय मजबूत नीति लानी चाहिए जिस तरह पूर्ववर्ती संप्रग सरकार 2008 में और अन्य मौकों पर लाई थी। गोगोई ने कहा कि अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने में असमानता की स्थिति है। उन्होंने कहा कि देश में गरीबों और अमीरों के बीच अंतराल बढ़ गया है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि देश में पहले ही असमानता बढ़ रही है और यह सरकार उस पर भरोसा करने वाली जनता को, देश के गरीबों को केवल ‘‘अंध राष्ट्रवाद’’ दे रही है। उन्होंने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो को लेकर सरकार का कोई स्पष्ट संदेश या रुख नहीं है। गोगोई ने कहा कि सरकार को क्रिप्टो करेंसी को परिभाषित करना चाहिए और इसे देश में वैध करार देने या प्रतिबंधित करने को लेकर उसकी ओर से जल्द स्पष्टीकरण आना चाहिए क्योंकि देश में बड़ी संख्या में लोग क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन कर रहे हैं। उन्होंने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में राज्यों की जरूरतों का ध्यान रखने की मांग की। चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि सरकार ने बजट में गांव, गरीब, किसान और महिलाओं के सशक्तीकरण के साथ रोजगार एवं उद्योग पर खास ध्यान है और इसमें देश को 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का खाका पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद यूक्रेन संकट के कारण एक अलग चुनौती पैदा हुई है और इसके कारण तेल की कीमतें बढ़ रही हैं।

महंगाई पर विपक्षी दलों के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि वर्ष 2004 से 2014 के बीच कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान लगभग 1.44 लाख करोड़ रूपये के तेल बांड जारी किये गए जिस पर 6.4 प्रतिशत से 8.5 प्रतिशत ब्याज देय था। दुबे ने कहा कि इस तेल बांड के तहत सरकार द्वारा 3.22 लाख करोड़ रूपये लौटाने की बात थी। इस तेल बांड में बड़े-बड़े कारोबारियों ने निवेश किया था। उन्होंने सवाल किया कि ऐसा पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने किसके फायदे के लिये किया था? भाजपा सदस्य ने कहा कि मोदी सरकार ने पेट्रोल में इथेनाल मिश्रित करने की पहल की है जो तेल पर निर्भरता कम करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को सशक्त बनाने की बात करते हैं। इसका ही उदाहरण है कि भारत ने 50 अरब डॉलर के अनाज का निर्यात किया। उन्होंने कहा कि तेल पर निर्भरता को समाप्त करने के लिये हाइड्रोजन और बिजली के उपयोग को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। दुबे ने सवाल कि विपक्षी दलों के शासन वाली राज्य सरकारें क्यों पेट्रोलियम पदार्थ को जीएसटी के दायरे में नहीं लाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि केरल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली में पेट्रोल, डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) सबसे अधिक है जहां विपक्षी दलों की सरकारें हैं। भाजपा सदस्य ने कालाधन के खिलाफ कार्रवाई करने के सरकार के कदमों का भी उल्लेख किया। वहीं, द्रमुक सदस्य के सुंदरम ने कहा कि कर दाताओं के समक्ष अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है जो दोहरे कर लगने के कारण है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के प्रभावों से लोग उबरे ही नहीं थे कि कोविड महामारी उनके लिये आघात के रूप में आई। उन्होंने कहा कि लोगों की आय से जुड़े विषयों का समाधान नहीं निकलेगा तब उनकी आजीविका कैसे चलेगी। द्रमुक सदस्य ने कहा कि किसान साल 2022 में इस बात के इंतजार में है कि उनकी आय दोगुनी होने का वादा कब पूरा होगा ।
रक्षा बजट में किसी तरह की कमी नहीं

सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश के रक्षा बजट में कोई कमी नहीं है और दस साल के अंदर रक्षा बजट में खर्च 76 प्रतिशत बढ़ गया है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि यह कहना उचित नहीं है कि रक्षा का बजट कम है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा की गंभीरता को देखते हुए सबसे अधिक बजट रक्षा मंत्रालय का ही है। भट्ट ने कहा कि यह 2013-14 के बजट से करीब दोगुना होकर लगभग 5.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (सिपरी) के अनुसार रक्षा बजट में खर्च के आधार पर भारत दुनिया में अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। सिपरी के मुताबिक भारत ने 2011 से 2020 के बीच में रक्षा बजट पर खर्च 76 प्रतिशत बजट बढ़ाया है, जबकि पूरी दुनिया में इस अवधि में रक्षा बजट का खर्च केवल 9 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सिपरी ने 2020 में यह भी कहा कि भारत रक्षा क्षेत्र में निर्यात के लिए भी दृढ़ता से खड़ा है। भट्ट ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के बजट में कोई कमी नहीं है और उसे जब भी जरूरत पड़ती है तो वित्त मंत्रालय तत्काल स्वीकृति देता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कहा कि रक्षा बजट को लेकर 2000 में कारगिल समीक्षा समिति बनाई गयी थी जिसमें सेना के वर्तमान अधिकारी, पूर्व अधिकारी, राजनेता और राजनयिक आदि शामिल थे। उन्होंने कहा कि समिति ने गंभीरता पूर्वक विचार किया कि रक्षा क्षेत्र को आवंटन किस तरह किया जाए। सिंह के मुताबिक समिति ने सिफारिश दी कि रक्षा के लिए बजट जीडीपी का एक निश्चित प्रतिशत निर्धारित करने की जरूरत नहीं है और साथ ही कहा कि हमें यह देखना चाहिए कि रक्षा पर खर्च हुए प्रत्येक रुपये का अधिकतम मूल्य मिले। एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में पूंजी व्यय से 60 प्रतिशत धन केवल भारत में उत्पादन के लिए है और सरकार जरूरत होने पर ही विदेश से आयात करेगी।

तेजस ट्रेन में सांसदों की यात्रा

सरकार ने शुक्रवार को संसद में कहा कि भारतीय रेल की नयी ट्रेन तेजस में संसद सदस्यों की यात्रा को लेकर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है और इस संबंध में बाद में विचार किया जाएगा। रेल राज्य मंत्री रावसाहब दानवे ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। समाजवादी पार्टी सदस्य चौधरी सुखराम सिंह यादव ने कहा कि सांसदों के पहचान पत्र पर ‘‘एनी ट्रेन, एनी क्लास’’ (किसी भी ट्रेन में कोई भी श्रेणी) लिखा होता है। उन्होंने कहा कि सांसद किसी भी ट्रेन में यात्रा कर सकते हैं लेकिन नयी शुरू हुयी तेजस ट्रेनों में सांसदों को इस आधार पर यात्रा की अनुमति नहीं मिलती। उन्होंने रेल मंत्री से इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा। इसके जवाब में रेल राज्य मंत्री दानवे ने कहा कि इस संबंध में अभी कोई नीति निर्धारित नहीं की गयी है और इस बारे में बाद में विचार किया जाएगा। तेजस ट्रेन को देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन भी कहा जाता है जिसमें यात्रियों को कई सुविधाएं मुहैया करायी जाती हैं। ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए टक्कर रोधी व्यवस्था के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी इसका परीक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि यह एक नयी प्रौद्योगिकी है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि जल्दी ही इसका कार्यान्वयन किया जाएगा।

इस साल के अंत तक 4जी सेवा

सरकार ने शुक्रवार को संसद में कहा कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) इस साल के अंत तक 4जी सेवा शुरू कर देगा और इसके साथ ही दूरसंचार कंपनी की सेवा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने कंपनी की स्थिति में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। चौहान ने कहा कि सरकार ने इस सिलसिले में अक्टूबर 2019 में एक पैकेज की भी घोषणा की थी जिसके बाद कंपनी के 70 प्रतिशत कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली। उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने कंपनी को भूमि अधिग्रहण और बाजार से पैसा लेने की भी छूट दी है। प्रश्नकाल के दौरान कई सदस्यों ने शिकायत की थी कि बीएसएनएल की सेवा दयनीय है। देश में 5जी सेवा शुरू होने के संबंध में उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में चार कंपनियों को प्रायोगिक आधार पर स्पेक्ट्रम का आवंटन किया है और इस संबंध में जरूरी जांच प्रक्रिया पूरी होने को है। चौहान ने कहा कि सरकार ने इस प्रक्रिया के साथ दूरसंचार नियामक ट्राई को मार्गदर्शन करने के लिए भी कहा है ताकि स्पेक्ट्रम की नीलामी की जा सके। उन्होंने कहा कि साल के अंत तक देश में 5जी सेवा शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि भारत में पूरी दुनिया में सबसे कम दर पर दूरसंचार सेवा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि 2014 में डेटा की खपत प्रति माह औसत एक जीबी थी जो अब बढ़कर करीब 15 जीबी हो गयी है। उन्होंने कहा कि डेटा की कीमतों में खासी कमी आयी है और एक समय इसकी कीमत 270 रुपये प्रति जीबी थी जो अब करीब 10 रुपये प्रति जीबी हो गयी है। इसके अलावा कॉलिंग की दर लगभग मुफ्त हो गयी है।