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दो महीने में माफिया साम्राज्य खत्म: उमेश पाल और दो पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में अब तक कुल छह आरोपियों की मौत

प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल ले जाते समय माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मेडिकल कॉलेज के पास मीडिया कर्मी बनकर आए तीन बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी।

प्रयागराज में हुए उमेश पाल और दो पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में अब तक कुल छह आरोपी मारे जा चुके हैं। गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद को शनिवार देर रात गोली मार दी गई है। प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल ले जाते समय माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मेडिकल कॉलेज के पास मीडिया कर्मी बनकर आए तीन बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या के मामले के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षा गार्डों की उनके धूमनगंज स्थित आवास के बाहर 24 फरवरी को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने 25 फरवरी को अतीक, अशरफ, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

मामले में शाइस्ता परवीन अभी फरार है। उस पर 50,000 रुपये का इनाम पुलिस ने घोषित किया हुआ है। उसके दो बेटे उमर और अली बाल संरक्षण गृह में पुलिस की निगरानी में हैं।

कथित तौर पर 24 फरवरी को हत्यारों के वाहन का चालक अरबाज 27 फरवरी को प्रयागराज में हुई एक मुठभेड़ में पुलिस ने ढेर कर दिया। इसके बाद उस्मान ऊर्फ विजय को छह मार्च को प्रयागराज में एक अन्य कथित मुठभेड़ में मारा गिराया था, जबकि असद और गुलाम को 13 अप्रैल को झांसी में पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था।

समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक और उसके भाई को उमेश पाल हत्याकांड में सुनवाई के लिए गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया। कोर्ट ने उमेश पाल हत्याकांड में पूछताछ के लिए चार-चार दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया था।

इससे पहले, भारी पुलिस सुरक्षा के बीच शनिवार को प्रयागराज के कसारी मसारी कब्रिस्तान में अतीक के बेटे असद का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें केवल कुछ रिश्तेदार और स्थानीय लोग कब्रिस्तान के अंदर मौजूद थे। अतीक और अशरफ को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा धूमनगंज पुलिस स्टेशन में रखा गया था।

हालांकि कब्रिस्तान से लगभग तीन किमी दूर थे, लेकिन उन्हें असद के अंतिम बार चेहरा देखने का मौका तक नसीब नहीं हुआ। उमेश पाल हत्याकांड में अतीक के सहयोगी गुड्डू मुस्लिम, अरमान और साबिर फिलहाल फरार हैं। सभी पर पांच लाख रुपये का इनाम है। इनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

मीडियाकर्मी बनकर आए थे दो बदमाश

आपको बता दें कि शनिवार को तीसरे दिन धूमनगंज थाने के लॉकअप में बंद अतीक व अशरफ से एटीएस ने हथियार तस्करी की बाबत पूछताछ की थी। रात लगभग साढ़े दस बजे जब दोनों को रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए कॉल्विन अस्पताल ले जाया जा रहा था। तभी मीडियाकर्मी बनकर तीन बदमाश बाइक से आए और ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी।

पुलिस ने किया गिरफ्तार

इस दौरान साथ में रहे पुलिस कर्मी भाग खड़े हुए। गोलियां लगने से अतीक व अशरफ लहूलुहान होकर गिर पड़े। एक सिपाही भी घायल हो गया। बाद में दोनों को आनन-फानन स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।