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गीता दत्त की 50वीं पुण्यतिथि आज: जाने उनके बारे में कुछ रोचक जानकारियां

एक समय था जब हिंदी सिनेमा में गायिका गीता दत्त की आवाज गूंजा करती थीं, लेकिन अब वह इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसे में आज भी फैंस इस दिग्गज गायिका को उनके गानों के जरिए याद करते हैं। साल 1930 में जन्मीं गीता दत्त बांग्लादेश से ताल्लुक रखती थीं। उन्होंने महज 41 साल की उम्र में साल 1972 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। आज 20 जुलाई को गीता दत्त की 50वीं पुण्यतिथि है। गीता दत्त ने अपनी जिदंगी में काफी कम समय में शोहरत हासिल कर ली थी लेकिन उनकी निजी जिंदगी में जब परेशानियां शुरू हुईं, तब उन्होंने सब खो दिया था। गीता दत्त ने गुरु दत्त से शादी की थी। लेकिन शादी में आई परेशानियों की वजह से उनसे सब छिन गया था। आज हम आपको गीता दत्त के उन आखिरी दिनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिस वजह से वह छोटी उम्र में ही इस दुनिया से चली गईं।

गीता दत्त बांग्लादेश के फरीदपुर जिले की रहने वाली थीं लेकिन गायिका का पूरा परिवार 40 के दशक में कोलकाता आ गया था और फिर वह सब एक दिन मुंबई चले आए। गीता दत्त का संगीत से रिश्ता बचपन में ही जुड़ गया था। उनकी मां अमिय देवी एक कवयित्री थीं और उनके पिता मुकुल रॉय संगीतकार थे। इसी वजह से संगीत के साथ उनका परिचय काफी कम उम्र में हो गया था। छोटी उम्र में उन्होंने गाना भी शुरू कर दिया था। लेकिन उन्हें बतौर गायिका पहला ब्रेक साल 1946 में मिला था, जब वह महज 16 साल की थीं। उन्होंने फिल्म ‘भक्त प्रह्लाद’ के एक गाने में सिर्फ दो लाइनें ही गाई थीं। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘दो भाई’ के गाने में अपनी आवाज दी।

गीता दत्त और गुरु दत्त की दोस्ती फिल्म ‘बाजी’ की शूटिंग के दौरान हुई थी। इस फिल्म के गाने ‘तदबीर से बिगड़ी हुई तकदीर बना ले..’ को गीता दत्त ने ही अपनी आवाज दी थी, जो सुपरहिट रहा। दोनों के बीच की दोस्ती कम समय में ही प्यार में बदल गई और फिर दोनों ने साल 1953 में शादी कर ली। शादी के बाद गीता और गुरु दत्त तीन बच्चे तरुण, अरुण और नीना के माता-पिता बने। दोनों की निजी जिंदगी एक दम सही चल रही थी और फिल्मी दुनिया में भी समय के साथ गीता और गुरु दत्त का नाम बढ़ रहा था।
गीता दत्त और गुरु दत्त की शादी अच्छी चल रही थी फिर गुरु दत्त की जिदंगी में वहीदा रहमान की एंट्री हुई। कहा जाता है कि गुरु दत्त का वहीदा की तरफ झुकाव बढ़ता जा रहा था और इसी वजह से उनका और गीता दत्त के रिश्ते में तनाव शुरू हो गया। गुरु दत्त और वहीदा रहमान एक-दूसरे से प्यार करने लगे थे और शादी भी करना चाहते थे। साल 1957 में गुरु दत्त और गीता दत्त की शादीशुदा जिंदगी में दरार आ गई और दोनों अलग-अलग रहने लगे।

गीता दत्त अपने पति गुरु दत्त से बेहद प्यार करती थीं। इसी वजह से गीता ने निजी जिदंगी में परेशानी की वजह से अपने काम पर भी ध्यान देना बंद कर दिया था, जिस वजह से इंडस्ट्री में लोगों ने उनसे मुंह मोड़ लिया था। इसी बीच साल 1964 में गुरु दत्त के निधन की अचानक खबर सामने आई थी। कहा जाता है नींद की गोलियां खाकर उन्होंने आत्महत्या कर ली। गुरु दत्त की मौत ने गीता दत्त को तोड़कर रख दिया था।

गुरु दत्त के जाने के बाद गीता दत्त की जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया था जब वह अपनी याददाश्त खो बैठी थीं। उन दिनों उनकी हालत ऐसी हो गई थी कि वह अपने बच्चों को भी पहचानने में नाकामयाब रही थीं। हालांकि, वक्त के साथ गीता दत्त की स्थिति में भी सुधार आया और उन्होंने खुद को संभालने की कोशिश की। आर्थिक तंगी की वजह से उन्होंने फिर से गाने की कोशिश भी की लेकिन वो कामयाब नहीं रहीं। आखिरकार 41 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।