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तकनीकी विकास के शिखर पर खड़ा है भारत, पहले जो साइंस सिर्फ किताबों तक सीमित था वह अब प्रयोग से आगे बढ़कर पेटेंट में बदल रहे हैं: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और स्मारक डाक टिकट व सिक्का भी जारी किया। इस दौरान अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि आज 11 मई का ये दिन, भारत के इतिहास के सबसे गौरवमयी दिनों में से एक है। आज भारत के वैज्ञानिकों ने पोखरण में वह उपलब्धि हासिल की थी जिसने मां भारती की हर संतान का सिर गर्व ये ऊंचा कर दिया था। उन्होंने कहा कि मैं उस दिन को कभी नहीं भूल सकता जब अटल जी ने भारत के सफल परमाणु परीक्षण की घोषणा की थी। इससे भारत ने न केवल अपने वैज्ञानिक सामर्थ्य को साबित किया था बल्कि भारत के वैश्विक कद को भी ऊंचाई दी थी

मोदी ने कहा कि भारत तकनीकी विकास के शिखर पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से भारत ने जिस तरह से साइंस और प्रौद्योगिकी पर जोर दिया है वह बड़े बदलावों का कारण बना है। पहले जो साइंस सिर्फ किताबों तक सीमित था वह अब प्रयोग से आगे बढ़कर पेटेंट में बदल रहे हैं। मोदी ने कहा कि भारत में 10 साल पहले 1 साल में 4 हजार पेटेंट ग्रांट होते थे लेकिन आज इनकी संख्या 30 हजार से ज्यादा हो गई है। उन्होंने कहा कि हमने जो स्टार्टअप इंडिया अभियान शुरु किया, जो डिजिटल इंडिया अभियान शुरु किया, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई उसने भी प्रौद्योगिक क्षेत्र में भारत की सफलता को और नई ऊंचाई दी। उन्होंने कहा कि इस समय में हम आजादी के ‘अमृतकाल’ के शुरूआती महीनों में हैं। हमारे सामने 2047 के स्पष्ट लक्ष्य हैं। हमें देश को विकसित बनाना है, हमें देश को आत्मनिर्भर बनाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत, तकनीक को अपना दबदबा कायम करने का माध्यम नहीं मानता बल्कि देश की प्रगति को गति देने का एक टूल मानता है। भारत के युवा दिमाग को नवाचार की तरफ प्रेरित करने के लिए बीते 9 वर्षों में देश में एक मजबूत बुनियाद बन चुकी है। कुछ साल पहले शुरू की गई अटल टिंकरिंग लैब्स आज देश की नवाचार नर्सरी बन रही हैं। उन्होंने कहा कि ‘स्कूल से स्टार्टअप्स’ तक की यात्रा छात्रों द्वारा कवर की जाएगी, लेकिन यह वैज्ञानिक समुदाय है जिसे उनका मार्गदर्शन करना है, उन्हें प्रोत्साहित करना है; और मैं आपको इस प्रयास में अपने पूर्ण समर्थन का आश्वासन देता हूं। मोदी ने कहा कि एक समय था, जब Technology सामान्य भारतीय की पहुंच से बाहर थी लेकिन भारत का UPI आज अपनी Simplicity की वजह से New normal बन गया है। आज रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर रिक्शे वाले तक, डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं।