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IAS अनुराग तिवारी की मौत मामले में हत्या का केस दर्ज, CBI को सौंपी जाएगी जांच

लखनऊ। IAS अधिकारी अनुराग तिवारी की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत मामले में लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में हत्या का मामला दर्ज हुआ है। यूपी सरकार ने इस मामले को जांच के लिए सीबीआई को सुपुर्द करने का फैसला किया है। तिवारी के भाई मयंक तिवारी की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ इंडियन पेनल कोड के सेक्शन 302 के तहत केस दर्ज किया है। इससे पहले तिवारी के परिजनों ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद अनुराग की भाभी शुभ्रा ने कहा कि योगी ने उनसे एसआईटी जांच की रिपोर्ट का इंतजार करने को कहा। उन्होंने बताया कि सीएम ने उन्हें भरोसा दिया कि एसआईटी रिपोर्ट के बाद मामले की सीबीआई जांच को लेकर फैसला किया जाएगा। हालांकि अब राज्य सरकार ने इस डेथ मिस्ट्री की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। यूपी के प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने यह जानकारी दी।

IAS अधिकारी अनुराग तिवारी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में मीरा बाई वीआईपी गेस्ट हाउस के बाहर मृत मिले थे। वह गेस्ट हाउस में दो दिनों से अपने एक बैचमेट के साथ रुके थे। तिवारी गेस्ट हाउस के रूम नंबर 19 में ठहरे थे। तिवारी के बैचमेट पी.एन. सिंह ने इस रूम को उनके नाम से बुक किया था और तिवारी की मौत से पहले रात को वह उनके साथ थे।
तिवारी की मौत के दिन पी.एन. सिंह सुबह करीब 6 बजे गोमतीनगर स्टेडियम में बैडमिंटन खेलने गए थे जबकि तिवारी मॉर्निंग वॉक के लिए बाहर गए हुए थे। बाद में गेस्ट हाउस से करीब 300 मीटर दूर तिवारी का शव मिला था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक तिवारी को दिल का दौरा पड़ा था हालांकि ऑटोप्सी रिपोर्ट के बाद ही मौत की असली वजह का पता चलेगा। तिवारी ने इंजिनियरिंग की पढ़ाई की थी और जुलाई 2007 में उनका IAS के लिए चयन हुआ था। अनुराग तिवारी मूल रूप से यूपी के बहराइच जिले के रहने वाले थे। वह बेंगलुरु में फूड ऐंड सिविल सप्लाइज कमिश्नर के पद पर तैनात थे।