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G20 Summit in Varanasi: वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश, 200 से ज्यादा डेलीगेट्स, काशी में प्राचीन और आधुनिक भारत की संस्कृति के बिखरे रंग

काशी में प्राचीन और आधुनिक भारत की संस्कृति के रंग बिखड़े हैं। जी20 के मेहमानों के लिए काशी दुल्हन की तरह सजी नजर आई। अलग-अलग देशों से आए मेहमान मां गंगा के दर्शन और दश्वामेध घाट पर होने वाली गंगा आरती में भी शामिल हुए। वहीं आज विकास मंत्रियों की बैठक में प्रधानमंत्री ने जी20 देशों से आए प्रतिनिधियों को वर्चुअली संबोधित किया। बैठक में फूड सिक्योरिटी, क्लाइमेट चेंज और गरीबी सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा शुरू हो गई। सदस्य देशों के विकास मंत्री इस पर रणनीति तैयार करेंगे।

जी 20 बैठक से वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश

दिव्य काशी, भव्य काशी पूरी दुनिया को संदेश दे रही है। दुनिया के सबसे प्राचीन शहर में विदेशी मेहमानों का शहनाई बजाकर परंपरागत रूप से स्वागत किया गया। जी20 की बैठक के लिए काशी का नया और अद्त लुक अद्यतीय है। वसुधैव कुटुंबकम के संदेश के साथ काशी सभी मेहमानों का स्वागत करती नजर आई। काशी दिन में जितनी खूबसूरत नजर आती है, उतनी ही खूबसूरत रात में भी दिख रही है। दिन में सूरत की रोशनी में पूरा शहर चमक रहा है। रात में रंग बिरंगी लाइटों की रोशनी वाराणसी की शान को अलग ही पहचान दे रही है।

मेहमानों को मां गंगा ने बुलाया 

काशी में जी-20 सदस्यों के विकासमंत्रियों की हो रही बैठक में हिस्सा लेने आए विदेशी प्रतिनिधि रविवार शाम को गंगा आरती में शामिल हुए। काशी आये विदेशी मेहमान दशाश्वमेध घाट पर आयोजित गंगा आरती में शामिल हुए और शंखनाद, घंटी, डमरू की आवाज और मां गंगा के जयकारों के बीच हुई गंगा आरती को देखा। विदेशी मेहमानों के लिए विशेष आरती का आयोजन किया गया और नौ अर्चकों ने मां गंगा की आरती उतारी।

200 से ज्यादा डेलीगेट्स पहुंचे बनारस

इस अहम बैठक में 20 देशों के 200 से ज्यादा डेलीगेट्स आगे के 100 साल के विकास की दिशा-दशा तय करेंगे। वाराणसी की इस बैठक में लिए गए निर्णय को सितंबर में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी ( सस्टनेबल डेवलपमेंट गोल) शिखर सम्मेलन में रखा जाएगा।