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किसान आज न केवल अन्नदाता हैं बल्कि एथनॉल और सौर ऊर्जा का उत्पादन कर ऊर्जा प्रदाता भी हैं: नितिन गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार का इरादा वाहन उद्योग के कारोबार को दोगुना कर 15 लाख करोड़ रुपये करने का है। पिछले नौ साल की केंद्र सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गडकरी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि गरीबी हटाने के नाम पर, कांग्रेस नेताओं ने अपनी गरीबी खत्म कर ली। उन्होंने कहा, ‘‘वाहन उद्योग का कारोबार 7.55 लाख करोड़ रुपये है और इस क्षेत्र में साढ़े चार करोड़ लोगों को नौकरियां मिली हैं। यह उद्योग सरकार को सबसे ज्यादा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) देता है। हमने तय किया है कि हम इस उद्योग को 15 लाख करोड़ रुपये का बनाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि यह उद्योग दस करोड़ नौकरियां पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने वाहन विनिर्माण में जापान को पछाड़ दिया है और विश्वस्तर पर चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर आ गया है।

उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा, ‘‘ज्ञान एक महान शक्ति है और ज्ञान को धन में परिवर्तित करना ही हमारा भविष्य है।’’ उन्होंने कहा कि किसान आज न केवल अन्नदाता हैं बल्कि एथनॉल और सौर ऊर्जा का उत्पादन कर ऊर्जा प्रदाता भी हैं। उन्होंने कहा कि ऑटो रिक्शा से लेकर कार तक गाड़ियां एथनॉल से चलेंगी और भारत का आयात कम होगा और किसान समृद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले नौ साल में नरेंद्र मोदी सरकार ने कई विकास के कदम उठाए हैं और देश को प्रगति दिलाई है। गडकरी ने कहा कि आने वाले समय में ऐसा भी दौर आयेगा जब पेट्रोल की कीमत 15 रुपए लीटर पहुँच जायेगी। गडकरी ने कहा कि जब सब गाड़ियां किसान द्वारा तैयार किए गए एथनॉल पर चलेंगी तो 7 फीसदी एथनॉल, 40 फीसदी बिजली खर्च होगी। उन्होंने कहा कि अगर इसका औसत पकड़ा जाए तो 15 रुपए लीटर पेट्रोल का भाव हो सकता है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि इससे जनता का भला होगा, किसान ऊर्जादाता बनेगा, देश का प्रदूषण और आयात भी कम होगा।

हाइवे से जा सकेंगे विदेश

 

जहां तक गडकरी की उपलब्धियों की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने एक दिन पहले ही बड़ी जानकारी देते हुए कहा था कि भारत-म्यांमा-थाईलैंड से होकर गुजरने वाली महत्वाकांक्षी राजमार्ग परियोजना का 70 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। हम आपको बता दें कि भारत, म्यांमा और थाईलैंड लगभग 1,400 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर काम कर रहे हैं, जिसके पूरा होने से दक्षिण पूर्व एशिया से जुड़े देशों के बीच व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने परियोजना की प्रगति के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया, ‘परियोजना का लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।’ यह राजमार्ग मणिपुर में मोरेह को म्यांमा के रास्ते थाईलैंड के माई सोत से जोड़ेगा। उन्होंने इस राजमार्ग के चालू होने की समयसीमा के संबंध में विवरण नहीं दिया। हम आपको बता दें कि इस रणनीतिक राजमार्ग परियोजना में देरी हुई है। सरकार का लक्ष्य पहले इसे दिसंबर 2019 तक चालू करने का था।