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दीपिका चिखालिया ने रामलला के दर्शनों किया कहा-यहां आकर मन को बहुत खुशी और शांति मिली

वैसे तो भगवान श्रीराम की हर मूर्ति को बस देखते ही रहने का मन करता है लेकिन अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भगवान रामलला की मूर्ति से जो तेज निकलता है वह दिव्य, भव्य और अलौकिक है। इसका आभास तस्वीरों या वीडियो से नहीं, साक्षात् रामलला के दर्शन करके ही होता है। प्रसिद्ध रामायण धारावाहिक में माता सीता की भूमिका निभाने वालीं सुप्रसिद्ध अभिनेत्री दीपिका चिखालिया ने जब अयोध्या पहुँचकर भगवान रामलला के दर्शन किये तो उनके मुख से अद्भुत और अलौकिक शब्द निकले। दीपिका चिखालिया ने सरयू तट पर पूजन और दर्शन भी किया। उन्होंने अयोध्या नगरी के हो रहे कायाकल्प पर भी प्रसन्नता जताई और कहा कि यहां आकर मन को बहुत खुशी और शांति मिली।

उद्घाटन पर्व को भव्य बनाने की तैयारी

हम आपको यह भी बता दें कि अयोध्या में जैसे-जैसे मंदिर निर्माण के पूरा होने की तारीख करीब आ रही है वैसे-वैसे रामभक्तों का उत्साह बढ़ता जा रहा है कि क्योंकि सैंकड़ों वर्षों पुराना सपना साकार होने वाला है। हर कोई भव्य राम मंदिर के उद्घाटन पर्व का गवाह बनना चाहता है जिसके लिए प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तारीख नजदीक आने के साथ, यहां होटलों में ट्रैवल एजेंटों और भक्तों के बीच कमरे बुक करने की होड़ देखी जा रही है। हम आपको बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने संकेत दिया है कि यह समारोह 15 जनवरी और 24 जनवरी के बीच आयोजित किया जा सकता है, तब तक इस मंदिर के भूतल का निर्माण पूरा हो जाएगा। अयोध्या में होटल मालिकों एवं रिसॉर्ट मालिकों को इस समारोह का साक्षी बनने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की आस है। कई लोग तो दावा कर रहे हैं कि श्रद्धालु एवं अन्य संबंधित लोग 10 से 12 दिनों के लिए कमरे बुक करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे आखिरी समय में इस समारोह का दर्शन करने से चूक न जाएं। इस समारोह में संभावित भीड़ को ध्यान में रखते हुए, अयोध्या मंडल के आयुक्त गौरव दयाल ने तैयारी के सिलसिल में अयोध्या के होटल मालिकों की एक बैठक भी बुलाई थी और उन्हें समारोह के दौरान अपने मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए अपने होटलों को सजाने का निर्देश दिया।

अयोध्या के सबसे पुराने होटल शान ए अवध के प्रबंध निदेशक शरद कपूर ने बताया, “हमें नियमित रूप से दिल्ली, मुंबई और अन्य मेट्रो शहरों से ऐसे लोगों के फोन आ रहे हैं जो पूरे एक पखवाड़े के लिए हमारे कमरे बुक करना चाहते हैं।” कपूर ने कहा, “हम भक्तों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन मैं कम से कम 40 प्रतिशत कमरे अलग रख रहा हूं क्योंकि पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ठहरने के लिए मेरे होटल को पसंद करेंगे। हम उस समय से प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं जब राम जन्मभूमि आंदोलन शुरू हुआ था।” अयोध्या में एक रिसॉर्ट के मालिक संग्राम सिंह ने कहा, “हमारे पास मुंबई स्थित एक ट्रैवल एजेंसी से एक सवाल था कि वह एक सप्ताह के लिए अयोध्या में 1,500 कमरे चाहते हैं, लेकिन समस्या यह है कि समारोह की सही तारीख अभी तक स्पष्ट नहीं है।”

 

मंडलायुक्त गौरव दयाल ने ‘पेइंग गेस्ट’ योजना के तहत 41 भवन स्वामियों को पंजीकरण प्रमाणपत्र भी वितरित किए। उन्होंने सभी भवन स्वामियों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के साथ ही अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में बढ़ जाएगी, जिसमें से बड़ी संख्या में श्रद्धालु रात्रि प्रवास भी करेंगे। मंडलायुक्त ने कहा कि उनके ठहरने के लिए होटल, गेस्ट हाउस/होम स्टे की आवश्यकता होगी । उन्होंने कहा कि ये होम स्टे न केवल भक्तों को घर जैसा अनुभव देंगे बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए अतिरिक्त आय के साथ-साथ पूरे अयोध्या क्षेत्र में रोजगार के अतिरिक्त अवसर भी पैदा करेंगे। फैजाबाद और अयोध्या में लगभग 150 होटल हैं जिनमें 10 शानदार होटल और 25 बजट होटल शामिल हैं। इसके अलावा 115 के आसपास सस्ते इकोनॉमी होटल, 35 गैर-मान्यता प्राप्त ‘गेस्ट हाउस’, 50 धर्मशालाएं, 50 होम स्टे/पेइंग गेस्ट हाउस हैं और उनमें कुल मिलाकर 10 हजार कमरे हैं। इसके अलावा यहां चार सरकारी ‘गेस्ट हाउस’ हैं जिनमें लगभग 35 कमरे हैं। लगभग 50 छोटे ‘गेस्ट हाउस’ निर्माणाधीन हैं और नवंबर तक तैयार होने की उम्मीद है।

 

हम आपको बता दें कि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने पिछले महीने कहा था कि राम मंदिर अगले साल 24 जनवरी से भक्तों के लिए खोला जा सकता है। उन्होंने कहा, “अगले साल 14 जनवरी से 24 जनवरी के बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का 10 दिवसीय अनुष्ठान होगा।” उन्होंने कहा था कि तीन मंजिला राम मंदिर के भूतल का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासियों ने फैसला किया है कि 14 जनवरी को पड़ने वाले मकर संक्रांति पर्व के बाद रामलला के अभिषेक की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अभिषेक समारोह (प्राण प्रतिष्ठा) के लिए आमंत्रित करने की बात कही थी। इस दौरान मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी। न्यास के महासचिव चंपत राय ने बताया था कि इसके लिए ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के हस्ताक्षर वाला अनुरोध पत्र प्रधानमंत्री के पास भेजा जाएगा। राय ने पिछले महीने कहा था, “चूंकि मूर्ति के अभिषेक के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है, इसलिए दिसंबर 2023 और 26 जनवरी, 2024 के बीच किसी भी अनुकूल तारीख के बारे में प्रधानमंत्री से उनकी अनुमति लेने के लिए कहा जाएगा।”