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‘समाजवाद और सेक्युलर’ शब्द पर छिड़ा विवाद, कांग्रेस के बाद एनसी नेता उमर अबदुल्ला बोले-संविधान के साथ खिलवाड़ करने का कोई भी प्रयास देश के लिए अच्छा नहीं होगा

 नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि संविधान के साथ खिलवाड़ करने का कोई भी प्रयास देश के लिए अच्छा नहीं होगा क्योंकि इसमें इतनी आसानी से संशोधन नहीं किया जा सकता है। उनकी टिप्पणी एक पत्रकार के उस सवाल के जवाब में आई जिसमें कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द हटा दिए गए हैं।

उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘संविधान को आसानी से नहीं बदला जा सकता। संविधान को बदलने के लिए, आपको दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता है। जहां तक मेरी जानकारी है, ऐसे शब्दों को हटाने के लिए न तो लोकसभा में और न ही राज्यसभा में कोई मतदान हुआ है।” उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मुद्दे पर अपने बचाव में कहा था कि चूंकि संसदीय कार्यवाही को पुराने भवन से नए भवन में स्थानांतरित करने का अवसर ऐतिहासिक था, इसलिए उसने सदस्यों के बीच ऐतिहासिक संविधान की प्रतियां वितरित की थीं।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर ये सही है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन अगर वे संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, तो मुझे माफ कीजिए, यह देश के लिए अच्छा नहीं होगा क्योंकि हमने हमेशा कहा है कि अगर जम्मू-कश्मीर भारत में शामिल हुआ है, तो वह महात्मा गांधी के देश में शामिल हुआ है, न कि आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) या संघ परिवार के देश में।”

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से सकारात्मक नतीजे को लेकर आशान्वित है, अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जो कुछ भी कर सकती थी, उसने किया है और “हमें न्याय (मिलने) की उम्मीद है”।