कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन सांसदों को संविधान की जो नई प्रतियां दी गईं, उनकी प्रस्तावना में “धर्मनिरपेक्ष” और “समाजवादी” शब्द नहीं थे। विपक्ष के नेता ने कहा, “आज हम जिस संविधान को लेकर नए संसद भवन में चले, उसकी प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द नहीं थे। अगर ये दोनों शब्द संविधान में मौजूद नहीं हैं, तो यह चिंताजनक बात है।”
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कहा, ”प्रस्तावना में यह ‘समाजवादी धर्मनिरपेक्ष’ शब्द नहीं था।” मंगलवार को नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन संसद सदस्यों को भारत के संविधान की एक प्रति, संसद से संबंधित पुस्तकें, एक स्मारक सिक्का और एक डाक टिकट मिला। एक गिफ्टबैग में सांसदों के लिए ये उपहार थे।
नए संसद परिसर का उद्घाटन 28 मई को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। विशेष संसद सत्र का दूसरा दिन नए भवन में हुआ। नए संसद भवन में बदलाव से दोनों सदनों के संसद कर्मचारियों की वर्दी में भी बदलाव आया। इनमें चैंबर अटेंडेंट, अधिकारी, सुरक्षाकर्मी, ड्राइवर और मार्शल शामिल हैं जो विशेष सत्र के दौरान नई वर्दी पहने नजर आएंगे।