मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने धनशोधन के एक मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक को चिकित्सकीय आधार पर जमानत देने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। धनशोधन के इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। ईडी ने मलिक को भगोड़े गैंगस्टर दाउद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के बीच कथित गठजोड़ के एक मामले में फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था। राकांपा नेता न्यायिक हिरासत में हैं और यहां एक निजी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा है। उन्होंने चिकित्सकीय आधार पर जमानत दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह गुर्दे के रोग से पीड़ित हैं साथ ही उन्हें कई अन्य बीमारियां भी हैं।
ईडी की ओर से पेश सॉलीसिटर जनरल अनिल सिंह ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मलिक अपनी पसंद के अस्पताल में हैं और चिकित्सकीय उपचार ले रहे हैं। मलिक के खिलाफ ईडी का मामला 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की ओर से गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है।