नई दिल्ली। लोढ़ा पैनल के अध्यक्ष जस्टिस आरएम लोढ़ा ने साफ किया है कि उन्होंने बीसीसीआई के खातों को फ्रीज करने के लिए नहीं कहा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के बैंक खातों को फ्रीज करने की खबर सामने आने के बाद भारत और न्यू जीलैंड के बीच जारी घरेलू सीरीज पर संकट के बादल छा गए थे। इतना ही नहीं भारतीय टीम का पूरा घरेलू सीजन भी खटाई में पड़ने का खतरा पैदा हो गया था। बोर्ड अधिकारियों का कहना था कि चूंकि हमारे खातों को फ्रीज कर दिया गया है ऐसे में हमारे पास मैच कराने के लिए भी पैसे नहीं हैं।
हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाऊ से बातचीत करते हुए जस्टिस लोढ़ा ने कहा कि उन्होंने बीसीसीआई को रोजमर्रा के खर्च रोकने के लिए नहीं कहा है। बीसीसीआई अपने रोजमर्रा के कामों, मैचों आदि पर खर्च करने के लिए स्वतंत्र है। यह रूटीन काम है और इस पर पैसा खर्च करने की कोई रोक नहीं है। उन्होंने कहा कि यह रोक केवल स्टेट असोसिएशन्स को इमदाद जारी करने पर लगाई गई है।
जस्टिस लोढ़ा ने कहा कि हमारे ईमेल को न केवल गलत तरीके से समझा गया है बल्कि उसकी गलत तरीके से व्याख्या भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने बीसीसीआई को केवल राज्य असोसिएशन्स को इमदाद देने से मना किया है और इसी ईमेल की एक कॉपी बैंकों को भेजी गई है।
यह पूछे जाने पर कि बीसीसीआई का कहना है कि जब पैसे नहीं होंगे तो वह न्यू जीलैंड के खिलाफ सीरीज कैसे खेलेगी, इस पर जस्टिस लोढ़ा ने कहा कि मैच रूटीन काम है और इस पर बीसीसीआई पैसे खर्च कर सकती है। उन्होंने कहा कि अगर बीसीसीआई को कोई दुविधा है तो वह हमें लिखे हम स्पष्ट कर देंगे और हम खुद भी इस मामले पर स्पष्टीकरण दे देंगे।
Didn’t freeze BCCI accounts & have not stopped funds for NZ series, says Justice Lodha to@TimesNow on mail sent to BCCI pic.twitter.com/fqsOBvsOPd
— TIMES NOW (@TimesNow) October 4, 2016
जस्टिस लोढ़ा से जब पूछा गया कि बीसीसीआई अपना रुख सख्त करती जा रही है तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उसकी कमिटी को सुप्रीम कोर्ट ने कुछ काम दिए हैं और फिलहाल वह उसी दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि वह जो भी कर रही है वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कर रही है।
जस्टिस लोढ़ा ने कहा कि यह रोक केवल बीसीसीआई की 30 सितंबर को हुई एमजीएम बैठक में राज्य असोसिएशन्स को दी गई इमदाद पर लगाई गई है।