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मुंबई में ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक के बाद नेताओं ने कहा- देश की एकता और संप्रभुता को मजबूत करना तथा संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए एकजुट हुए

मुंबई। विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं ने कहा कि वे देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए एकजुट हुए हैं और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबले की तैयारी के तहत एक साझा कार्यक्रम बनाएंगे। ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की दो दिवसीय बैठक यहां स्थित ग्रांड हयात होटल में हो रही है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने कहा कि देश की एकता और संप्रभुता को मजबूत करना तथा संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करना समय की मांग है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता ने कहा, ‘‘मोदी सरकार गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने और किसानों का कल्याण करने के मुद्दे पर ध्यान देने में विफल रही है। ‘इंडिया’ की बैठक में हम साझा कार्यक्रम तय करने पर काम करेंगे। हम ‘एक के सामने एक’ के आधार (भाजपा के खिलाफ साझा उम्मीदवार खड़ा करना) पर मुकाबला करेंगे।’’

लालू प्रसाद के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब देगी जो समाज को बांट रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का मकसद देश को बचाना है। मान ने कहा, ‘‘देश का संघीय ढांचा खतरे में है। उन्हें (भाजपा) जो राज्य जनादेश नहीं देते उन्हें परेशान किया जा रहा है। गठबंधन सीट की संख्या बढ़ाने या घटाने के लिए नहीं है, बल्कि देश बचाने के लिए है।’’ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बैठक में भाग लेने वाले दल देश, इसके लोकतंत्र और संविधान के बारे में विचार-विमर्श करेंगे। शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि इंडिया के नेता लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए एक साथ आए हैं। राजद नेता मनोज झा ने कहा कि गठबंधन देश को एकजुट करने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पार्टियों का गठबंधन नहीं बल्कि विचारों का गठबंधन है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि ‘इंडिया’ के सामने नरेन्द्र मोदी सरकार की नीतियों से हुए नुकसान की भरपाई करने की चुनौती है, जिसकी परिणति मुद्रास्फीति और बेरोजगारी के रूप में हुई है।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि युवा इस देश की ताकत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक, नेताओं ने युवाओं को दिशा देने का काम किया है और जेएनयू, आईआईएम और इसरो जैसे संस्थान स्थापित किये हैं।’’ आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा ने दावा किया कि भाजपा ‘इंडिया’ से डरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें ‘इंडिया’ शब्द से नफरत है और एक आतंकवादी संगठन तक से इसका नाम जोड़ रहे हैं। यह केवल घृणा नहीं है, बल्कि इस बात का डर भी है कि गठबंधन सफल हो गया तो क्या होगा।’’ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि ‘इंडिया’ को लेकर जनता की जो प्रतिक्रिया आई है उससे प्रधानमंत्री और भाजपा पूरी तरह घबरा गए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान को बचाना और संविधान में निहित अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़नी होगी। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा, ‘‘देश को एक सामूहिक नेतृत्व की आवश्यकता है जो युवाओं और समाज के सभी वर्गों की जरूरतों और आकांक्षाओं के प्रति उत्तरदायी हो। हमें ऐसी सरकार चाहिए जो अपने संवैधानिक दायित्वों के प्रति संवेदनशील हो।