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मुन्ना बजरंगी हत्या : आखिर दूसरी मैग्जीन व 22 गोलियां कहां से आईं

लखनऊ। बागपत जेल में बंद कुख्यात बदमाश सुनील राठी ने भले ही यह कुबूल कर लिया है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या उसने ही की है लेकिन, पूरे घटनाक्रम से इसके पीछे गहरी और सुनियोजित साजिश के संकेत मिलते हैं। मुन्ना को जेल के भीतर ले जाने और हत्या के बाद की घटनाएं यह साबित करने के लिए पर्याप्त हैं कि इस पर पूरा होमवर्क करके राठी को ‘हथियार बनाया गया था लेकिन, इस हथियार के पीछे का ‘हाथ कौन है, यह अभी रहस्य के घेरे में है।

मुन्ना बजरंगी के दुश्मनों की एक लंबी फेहरिश्त है, जिसमें अपराधियों के साथ राजनेता और उद्यमी भी शामिल हैं। इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि उसकी हत्या की योजना तैयार करने वाले जेल प्रशासन और अपराधियों के गठजोड़ की रग-रग से वाकिफ थे। इसी वजह से मिनट टू मिनट की पटकथा लिखी गई और मुख्य किरदार के रूप में राठी को तैयार किया गया। राठी को इस बात का अभयदान भी रहा होगा कि साक्ष्यों की बिसात उसके हिसाब से बिछा दी जाएगी।

हत्या के बाद के घटनाक्रम गहरी साजिश के संकेत भी करते हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि राठी के पास हथियार कैसे पहुंचा। बकौल राठी पिस्टल मुन्ना खुद लेकर आया था और उसने उसी से छीनकर उसे मारा। अब इसकी तस्दीक करने के लिए मुन्ना मौजूद नहीं है। राठी के अनुसार कहासुनी के बाद मुन्ना ने उस पर पिस्टल तान दी, जिसे उसने मुन्ना से छीन लिया और उस पर ताबड़तोड़ गोलियां दाग दीं। यानी घटना में एक एंगिल आत्मरक्षा का भी जुड़ चुका है।

यह भी कम आश्चर्यजनक नहीं कि वारदात के महज कुछ घंटों में ही मुन्ना की हत्या के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे। ये फोटो किसने खींचे और वायरल करने के पीछे क्या उद्देश्य था, यह भी जांच का एक बड़ा बिंदु है। आखिर राठी इन फोटो के जरिये किस तक यह संदेश पहुंचाना चाहता था कि मुन्ना की हत्या की जा चुकी है। उसको जेल लाए जाने के पहले कुछ सेकेंडों के वीडियो भी बनाए गए थे। उनमें मुन्ना भयभीत नजर आ रहा है। इसके पीछे क्या उद्देश्य रहा होगा।

वारदात के बाद कुख्यात राठी ने आखिर किस उद्देश्य से पिस्टल व कारतूस नाली में फेंके। नाली से पुलिस ने दो मैग्जीन व 22 कारतूस बरामद किए। सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर दूसरी मैग्जीन व 22 गोलियां कहां से आईं। जानकारों के अनुसार नाली में पिस्टल फेंके जाने के बाद उस पर राठी की अंगुलियां के निशान मिलने की संभावना बेहद कम होगी। यानी कि साक्ष्यों की बिसात योजना के तहत बिछाई गई।

एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक मुन्ना तन्हाई सेल में जिस विक्की सुनहरा के साथ रुका था, उसने अपने बयान में कहा है कि जब वारदात हुई तब वह शौचालय में था। अब तक पुलिस को घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी भी नहीं मिल सका है। बागपत जेल में सीसीटीवी कैमरे न लगे होना, पुलिस की चुनौती को और बढ़ाता है।

सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आरोपित सुनील राठी ने अब तक पुलिस के सामने जो थ्योरी रखी है, उससे वह कोर्ट के सामने साफ मुकर भी सकता है। तब पुलिस के लिए स्थिति और चुनौतीपूर्ण होगी। सूत्रों का कहना है कि बागपत में सुनील के कई गुर्गे भी बंद हैं और जेल में उसका खासा दबदबा रहा है। लिहाजा उसके खिलाफ गवाह मिलना भी मुश्किल ही है। चूंकि राठी न्यायिक अभिरक्षा में है, इसलिए पुलिस के सामने उससे बार-बार पूछताछ करना भी आसान न रहेगा।

कराएंगे घटना का री-कंस्ट्रक्शन

डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि पुलिस आरोपित के बयान के अलावा सभी बिंदुओं पर गहनता से जांच कर रही है। फोरेंसिक टीमें भी साक्ष्य जुटा रही है। घटना का री-कंस्ट्रक्शन भी करया जाएगा।