नई दिल्ली। रविवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की हुई चौथी बैठक में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने राज्य से जुड़े कई मुद्दों को रखा. आंध्र के विकास से जुड़े मुद्दे पर केंद्र को घेरने के लिए चंद्रबाबू नायडू पूरी तैयारी के साथ आए थे.
सूत्रों ने कहा कि बैठक में नायडू तय समय से 7 मिनट ज्यादा यानी 20 मिनट तक बोले. इस दौरान उन्होंने अपनी सभी बड़ी मांगों को शामिल करते हुए 13 पन्ने का दस्तावेज बनाया था. नायडू ने राज्य के बंटवारे से लेकर विशेष राज्य का दर्जा देने के केंद्र सरकार के दावे को याद दिलाते हुए पोलावरम प्रोजेक्ट की भी चर्चा की.
नायडू ने कहा कि बंटवारे के बाद आंध्र प्रदेश देश के दूसरे दक्षिणी राज्यों से विकास की तुलना में पिछड़ गया है. उन्होंने कहा कि राज्यों में जनसंख्या की ग्रोथ रेट बहुत है. ऐसे में 2011 की जनगणना को आधार बनाकर राज्यों को फंड निर्धारित करना कहां तक सही है.
बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चंद्रबाबू नायडू की मांगों का समर्थन किया. नीतीश ने इस दौरान केंद्र से बिहार को विशेष दर्जा देने की भी अपनी मांग दोहराई.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी चंद्रबाबू नायडू के पक्ष में खड़ी दिखीं. उन्होंने आंध्र के मुख्यमंत्री की इस मांग को जायज ठहराया जिसमें केंद्र सरकार ने 15वें वित्त कमिशन के अंतर्गत राज्यों को मिलने वाले फंड, 2011 की जनगणना के आधार पर देने की बात कही है.
बता दें कि चंद्रबाबू पार्टी की तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का मुद्दा देने के मुद्दे पर बीते अप्रैल महीने में एनडीए से अपना नाता तोड़ लिया था. 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले वो देश में गैर-बीजेपी मोर्चा बनाने की कोशिशों में जोरशोर से जुटे हैं.