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गोंडा : साल भर पूरा होने से 14 दिन पहले निलंबित हुए डीएम जेबी सिंह, जिले में मची खलबली

लखनऊ। मुख्यमंत्री द्वारा गुरुवार को डीएम समेत कई अधिकारियों को निलंबित किये जाने और कई के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के एक्शन से जिले में खलबली मच गई है। दस बजे के बाद जैसे ही राजधानी से डीएम के निलंबन की खबर यहां पहुंची अधिकारी तो क्या लोग भी सकते में रह गये। डीएम का निलंबन ऐसे वक्त हुआ है जब उनको यहां एक साल पूरा होने में सिर्फ चौदह दिन रह गए थे। इस बड़ी कार्रवाई के बाद डीएम ऑफिस और बंगले दोनों पर सन्नाटा पसरादिखाई दिया। खास बात यह रही कि डीएम आफिस भी नहीं खुला दिखाई दिया।

बीते दिनों तरबगंज भाजपा विधायक प्रेम नारायण पांडेय ने अफसरों को लेकर वजीरगंज में छापेमारी में भारी मात्रा में अवैध खाद्यान्न पकड़ा था। तभी से बड़ी कार्रवाई की चर्चा शुरू हो गई थी। हालांकि डीएम निलम्बित होंगे इसे लेकर कोई कयास नहीं लगाया जा रहा था। 22 मई 2017 को बतौर डीएम की कुर्सी संभालने वाले जेबी सिंह खनन मामले को लेकर पहले ही शासन के टार्गेट पर आ चुके थे। इधर खाद्यान्न घोटाले ने उन्हें निलंबन की बड़ी कार्रवाई झेलने को मजबूर कर दिया।

इस कार्रवाई के बाद सबसे पहले डीएम आवास का जायजा लिया गया। वहां शिविर में कुछ कर्मचारी बैठे दिखाई दिए। फाइलों को किनारे कर गुमसुम बैठे कर्मचारियों ने किसी तरह का कोई जवाब नहीं दिया। बस इतना बताया कि साहब अंदर है, और किसी से मिलने को मना किया है। नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि साहब रोज दस बजे ही ऑफिस चले जाते थे, आज अभी तक नहीं गये। वहीं कार्यालय पर भी सन्नाटा दिखाई दिया। जिस कमरे में डीएम बैठते हैं वहां ताला लगा हुआ है। स्टेनों का कक्ष भी बंद मिला। जनता दर्शन में आये फरियादी भी वापस लौटने को मजबूर हुए।

इस बड़ी कार्रवाई के बाद कोई भी अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। अफसर इस कदर सकते में हैं कि मीडिया को देखते ही बोल उठे कि भाईसाहब हम लोगों को कुछ नहीं पता कैसे क्या हुआ। हालांकि इस बड़ी कार्रवाई का खौफ अफसरों के चेहरों पर साफ नजर आ रहा है।

डीएम के निलंबन के पीछे उनकी फेल हुई निगरानी सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है। ऐसा बताया जाता है अगर नियमित निगरानी होती तो ऐसे मामलों पर अंकुश लगाया जा सकता था।

वजीरगंज अनाज घोटाले में शासन ने डीएम के अलावा प्रभारी जिलापूर्ति अधिकारी राजीव कुमार, जिला खाद्य विपणन अधिकारी अजय विक्रम सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। शासन ने मामलें में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिये हैं।

ये था मामला : 
वजीरगंज में 9162 बोरियों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का खाद्यान्न कालाबाजारी के उद्देश्य से गोदाम में पाया गया था। जिसमें जिला प्रशासन और आपूर्ति व विपणन शाखा के केन्द्र, तहसील, जनपद व मण्डल स्तर के अधिकारियों की लापरवाही सामने आई।

यह प्रकरण संज्ञान में आने पर स्थानीय व राज्य मुख्यालय स्तर से जांच करायी गयी थी। इस प्रकरण में भारत सिंह केन्द्र विपणन निरीक्षक, झंझरी, महेश प्रसाद पूर्ति निरीक्षक तहसील तरबगंज को पूर्व में निलम्बित किया जा चुका था। इसके अलावा, सम्भागीय खाद्य नियंत्रक देवीपाटन राजेश कुमार, केके सिंह, सम्भागीय खाद्य विपणन अधिकारी देवीपाटन और सत्येन्द्र कुमार सिंह उपायुक्त खाद्य के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई प्रस्तावित की गयी है।