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ईमानदारी से काम करने की वजह से पीएम मोदी ने उन्हें जेल में भिजवाया: अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी ने रविवार को ‘जनता की अदालत’ का आयोजन किया। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ईमानदारी से काम करने की वजह से पीएम मोदी ने उन्हें जेल में भिजवाया। केजरीवाल ने कहा कि पिछले दस साल से वह ईमानदारी से सरकार चला रहे थे, उन्होंने बिजली और पानी मुफ्त किया, लोगों के लिए इलाज मुफ्त किया, शिक्षा को उत्कृष्ट बनाया। पीएम को उनकी ईमानदारी देखकर लगने लगा कि इनसे जीतने के लिए इनकी ईमानदारी पर हमला करना होगा, इसलिए उन्होंने आप को बेईमान साबित करने के लिए उनके एक-एक नेता को जेल में डाल दिया।

पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने आगे कहा, ‘मोदी जी ने हमारे ऊपर देश का सबसे कठोर कानून लगाया, PMLA कानून, इसमें बेल भी नहीं मिलती लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हम सभी को बेल दे दी। मैं इस दाग के साथ नहीं जी सकतकाम करना तो दूर की बात, मैं इस दाग के साथ जी भी नहीं सकता।’ उन्होंने आग कहा, ‘इसलिए मैंने सोचा कि मैं जनता की अदालत में जाऊंगा। अगर मैं बेईमान होता तो मुफ्त बिजली के लिए दिए गए तीन हजार करोड़ रुपए गबन कर लेता, महिलाओं के लिए किराया मुफ्त नहीं करता, बच्चों के लिए स्कूल नहीं बनवाता, 22 राज्यों में उनकी सरकार है, कहीं भी बिजली मुफ्त नहीं है, कहीं भी महिलाओं के लिए किराया मुफ्त नहीं है, फिर चोर कौन है? मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि केजरीवाल चोर है या केजरीवाल को जेल भेजने वाले चोर हैं?’

जंतर-मंतर पर अपना संबोधन शुरू करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘आपके बीच आकर अच्छा लग रहा है। आज यहां जंतर-मंतर पर पुराने दिन याद आ गए। मुझे आज भी तारीख याद है, 4 अप्रैल 2011 का दिन था जब आज़ाद भारत का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अन्ना आंदोलन यहां से शुरू हुआ था। उस वक्त की सरकार हमें चैलेंज करती थी कि चुनाव लड़कर दिखाओ और जीतकर दिखाओ, चुनाव लड़ने के लिए पैसा, गुंडे, आदमी चाहिए थे और हमारे पास यह सब नहीं था। हमारे पास न पैसा था न आदमी थे न गुंडे थे, हम चुनाव कैसे लड़ते, फिर हम चुनाव लड़ लिए और जनता ने हमें जीता दिया। देश में हमने 2013 में साबित कर दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़े भी जा सकते हैं और ईमानदारी से चुनाव जीते भी जा सकते हैं।’

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पर केजरीवाल ने जनता से कहा कि आपके मन में चल रह होगा कि मैंने इस्तीफा क्यों दिया। मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मैं भ्रष्टाचार करने नहीं आया था, मुझे सत्ता का लालच, CM की कुर्सी की भूख नहीं है, मैं पैसे कमाने नहीं आया, पैसे कमाने होते तो मैं इनकम टैक्स की नौकरी करता था, उसमें करोड़ो रुपए कमा लेता बल्कि हम तो देश के लिए आए थे।

केजरीवाल ने आगे कहा, ‘इन नेताओं की चमड़ी मोटी है, इन पर आरोपों का असर नहीं होता, मैं प्रभावित हूं, मैं नेता नहीं हूं। मैं कुछ दिनों में सीएम का बंगला छोड़ दूंगा, मेरे पास घर भी नहीं है। मैंने दस साल में सिर्फ प्यार कमाया है, जिसका नतीजा यह है कि मुझे इतने लोगों के फोन आ रहे हैं कि मेरा घर ले लो। श्राद्ध खत्म होने के बाद, नवरात्रि की शुरुआत में, मैं घर छोड़कर आप में से किसी के घर आकर रहूंगा।’

मोहन भागवत से सवाल पूछते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘आरएसएस के लोग कहते हैं कि हम राष्ट्रवादी और देशभक्त हैं। मैं पूरे सम्मान के साथ मोहन भागवत जी से पांच सवाल पूछना चाहता हूं- जिस तरह से मोदी जी देशभर में पार्टियों को तोड़ रहे हैं और लालच देकर या ईडी और सीबीआई की धमकी देकर सरकारें गिरा रहे हैं, क्या ये सही है?; मोदी जी ने अपनी पार्टी में सबसे भ्रष्ट नेताओं को शामिल किया है, जिन्हें वो खुद भ्रष्ट कहते हैं, क्या आप ऐसी राजनीति से सहमत हैं?; बीजेपी का जन्म आरएसएस की कोख से हुआ है, बीजेपी को भटकने न देना आरएसएस की जिम्मेदारी है, क्या आपने कभी मोदी जी को गलत काम करने से रोका है?’

 

उन्होंने आगे कहा, ‘जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि उन्हें आरएसएस की जरूरत नहीं है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया है कि वो अपनी नाराजगी दिखाने लगा है? बेटा मातृ संस्था से अपनी नाराजगी दिखा रहा है। जब उसने ये कहा तो क्या आपको दुख नहीं हुआ? आप लोगों ने कानून बना दिया है कि नेता 75 साल के बाद रिटायर हो जाएंगे, अमित शाह कह रहे हैं कि ये नियम मोदी जी पर लागू नहीं होगा।’