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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन 30 अगस्त को बीजेपी में शामिल होंगे

 झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन 30 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। चंपई ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। झारखंड आंदोलन में शिबू सोरेन के साथ भाग लेने वाले चंपई 1991 में पहली बार निर्दलीय विधायक बने थे।

झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव हैं। राज्य में चुनाव से पहले ही सियासी हलचल तेज हैं। कुछ दिन पहले राज्य के मुख्यमंत्री रहे चंपई सोरेन अब भाजपा में शामिल होंगे। कई दिनों से झारखंड मुक्ति मोर्च (झामुमो) नेता के अलग पार्टी बनाने की अटकलें थीं। हाल ही में उन्होंने झामुमो में खुद का अपमान होने की बात कह कर पार्टी से अलग राह तलाशने की बात कही थी।

झारखंड में अभी क्या हो रहा है?
राज्य के पूर्व सीएम चंपई सोरेन 30 अगस्त को रांची में आधिकारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। भाजपा प्रदेश प्रभारी और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने एक एक्स पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी है। सरमा ने अपनी पोस्ट में बताया कि चंपई सोरेन ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

बता दें कि चंपई सोरेन सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे थे जहां उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। बीते मंगलवार के बाद से यह उनकी दूसरी दिल्ली यात्रा थी। अपनी पिछली दिल्ली यात्रा के दौरान उन्होंने झामुमो के पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही नया विकल्प भी तलाशने की बात कही थी। बाद में ये चर्चाएं भी हुईं कि वे नई पार्टी भी बना सकते हैं। आखिरकार अब चंपई भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। मंगलवार को एक बयान में झामुमो नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उन पर भरोसा जताया है।

चंपई सोरेन भाजपा में क्यों शामिल हो रहे? 
हाल ही में चंपई ने एक सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए पार्टी नेतृत्व पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाया था। 18 अगस्त को लिखे एक पोस्ट में चंपई ने कहा, ‘लगातार अपमानजनक व्यवहार से भावुक हो कर मैंने सियासत में नए विकल्प को अपनाने का फैसला किया है।’

चंपई के मुताबिक, 1 जुलाई को अगले दो दिनों के उनके सभी कार्यक्रमों को पार्टी नेतृत्व द्वारा स्थगित करवा दिया गया। इसमें एक सार्वजनिक कार्यक्रम दुमका में था, जबकि दूसरा कार्यक्रम पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण करने का था। पूर्व सीएम ने कहा कि उन्हें बताया गया कि गठबंधन द्वारा 3 जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है, तब तक वो सीएम के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते।

चंपई ने कहा, ‘विधायक दल की बैठक के दौरान उनसे इस्तीफा मांगा गया और मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया, लेकिन आत्मसम्मान पर लगी चोट से दिल भावुक था। इस बीच कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुईं, जिसका जिक्र फिलहाल नहीं करना चाहता। इतने अपमान एवं तिरस्कार के बाद मैं वैकल्पिक राह तलाशने हेतु मजबूर हो गया।’

पूर्व सीएम ने कहा कि उनके पास तीन विकल्प थे। पहला, राजनीति से संन्यास लेना, दूसरा, अपना अलग संगठन खड़ा करना और तीसरा, इस राह में अगर कोई साथी मिले, तो उसके साथ आगे का सफर तय करना।