नई दिल्ली स्वदेशीकरण की जो नई सूची तैयार की गई है, उनकी एक समयसीमा के बाद भारतीय उद्योगों से खरीद की जाएंगी। इससे आयात के 1,048 करोड़ रुपये बचेंगे। साथ ही इससे अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
रक्षा क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भरता की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और रक्षा उत्पादों को आयात को कम करने के लिए रक्षा उत्पादन विभाग ने 346 वस्तुओं की पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची (पीआईएल) जारी की है। इस सूची में रणनीतिक रूप से अहम लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट, सिस्टम, सब-सिस्टम, असेंबली, सब-असेंबली और रक्षा उत्पादों के लिए कच्चा माल शामिल है। इसके बाद सरकारी रक्षा कंपनियां इन उत्पादों का आयात नहीं कर सकेंगी।
भारतीय रक्षा उद्योग को होगा बड़ा फायदा
रक्षा मंत्रालय ने साल 2020 में सृजन डिफेंस पोर्टल (https://srijandefence.gov.in) लॉन्च किया था। इस पोर्टल पर रक्षा उत्पादन विभाग और सेवा मुख्यालय, एमएसएमई कंपनियों और विभिन्न स्टार्ट-अप सहित उद्योगों को स्वदेशीकरण के लिए रक्षा वस्तुएं प्रदान करते हैं। स्वदेशीकरण की जो नई सूची तैयार की गई है, उनकी एक समयसीमा के बाद भारतीय उद्योगों से खरीद की जाएंगी। इससे आयात के 1,048 करोड़ रुपये बचेंगे। साथ ही इससे अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी और रक्षा क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी। इसके अलावा इस कदम से अकादमिक और अनुसंधान संस्थानों की भागीदारी के चलते घरेलू रक्षा उद्योग की डिजाइन क्षमता भी बढ़ेगी।