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न्यूजीलैंड के पूर्व डिप्टी पीएम भी आए ‘द कश्मीर फाइल्स’ के समर्थन में, कही यह बात

वेलिंगटन न्यूजीलैंड में बॉलीवुड फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर विवाद जारी है। इस बीच पूर्व उप प्रधानमंत्री विंस्टन पीटर्स फिल्म के समर्थन में आए हैं। उन्होंने कहा है कि देश में फिल्म को रिलीज नहीं होने देने न्यूजीलैंड वासियों की आजादी पर हमला है। 11 मार्च को रिलीज हुई विवेक अग्निहोत्री की फिल्म कश्मीर फाइल्स कश्मीरी पंडितों के पलायन की कहानी है।

पीटर्स ने फेसबुक पोस्ट किया, ‘यह फिल्म 1990 में कश्मीर में हिंदुओं की जातीय सफाई के इर्द गिर्द सच्ची घटनाओं के बारे में है और आज 32 साल बाद करीब 4 लाख कश्मीरी पंडित निर्वासन में हैं।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘इस फिल्म को सेंसर करना न्यूजीलैंड में 15 मार्च को हुए अत्याचारों की जानकारी या तस्वीरों को सेंसर करने या 9/11 को हुए हमले के सभी तस्वीरों को हटाने के समान है।’

उन्होंने कहा, ‘सभी तरह का आतंकवाद, फिर चाहे उसका सोर्स कोई भी हो, सामने आना चाहिए और उसका विरोध होना चाहिए। इस तरह की सेंसरशिप न्यूजीलैंड वासियों और दुनियाभर के लोगों की आजादी पर एक और हमले के बराबर होगा।’

विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर दावा किया कि न्यूजीलैंड सेंसर बोर्ड पर कश्मीर फाइल्स को बैन करने का दबाव था। इसके लिए उन्होंने ‘कुछ सांप्रदायिक समूहों’ पर आरोप गाए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, चीफ सेंसर ने फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, बल्कि मुस्लिम समुदाय के सदस्यों की तरफ से चिंता जताए जाने के बाद फिल्म के वर्गीकरण की समीक्षा कर रहे हैं।

चीफ सेंसर डेविड शैंक्स ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग उनके पास आए थे और कहा था कि फिल्म मुस्लिम विरोधी भावना और संभावित नफरत फैला सकती है। खास बात है कि न्यूजीलैंड में फिल्म की रिलीज को लेकर पिटीशन भी शुरू की गई है, जिसमें कहा गया है कि हिंसक चीजें असली घटनाओं पर आधारित हैं। यह फिल्म दुनिया के सामने दर्दभरा अनुभव दिखाने का जरिया है।