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रूस ने यूक्रेन के खारकीव अस्पताल पर किया हमला, यूक्रेन ने दिया मुंहतोड़ जवाब

इसी बीच यूक्रेन की राजधानी कीव में रूसी सेना ने जमकर हमला किया। इस दौरान कई इमारतों के क्षतिग्रस्त होने की भी खबरें हैं। इसके अलावा कीव में रातभर एयर साइरन बजता रहा। खारकीव में भी रूसी सैनिक दाखिल हो चुके हैं और उनके हमले में एक अस्पताल भी क्षतिग्रस्त हो गया है। जहां एक तरफ रूस दावा कर रहा है कि वो सिर्फ सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहा है। वहीं दूसरे तरफ ऐसे दावे गलत साबित होते हुए दिखाई दे रहे हैं क्योंकि अस्पताल और टीवी टॉवर को भी निशाना बनाया गया है।

यूक्रेन की सरकारी आपात स्थिति सेवा ने बताया कि टीवी टॉवर पर हमलों में 5 लोगों की मौत हो गई तथा अन्य 5 जख्मी हो गए हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने खारकीव में फ्रीडम स्क्वेयर पर हुए संग्राम के बाद जोर देकर कहा कि कोई इसे नहीं भूलेगा। इसे कोई माफ नहीं करेगा। इसी बीच 40 मील दूरी तक फैला रूसी टैंकों और अन्य वाहनों का काफिला धीरे-धीरे कीव की ओर बढ़ने लगा। देश की राजधानी कीव में करीब 30 लाख लोग रहते है। पश्चिमी देशों को आशंका है कि यह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेनी सरकार को अपदस्थ करके रूसी समर्थक सत्ता की स्थापना करने की कोशिश है।

कितने लोग हुए हताहत ?

यूक्रेन में हुए युद्ध में मारे गए लोगों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि एक वरिष्ठ पश्चिमी खुफिया अधिकारी ने अनुमान जताया है कि 5,000 से अधिक रूसी सैनिक या तो कैद में हैं या मारे गए हैं। यूक्रेनी सेना को हुए नुकसान की अभी कोई जानकारी नहीं है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने बताया कि उसने 136 आम नागरिकों की मौत दर्ज की है, लेकिन मृतकों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक बताई जा रही है।

तानाशाह को चुकानी पड़ेगी कीमत

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेन के खिलाफ पूर्व नियोजित तथा अकारण युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका उनके द्वारा पेश की गईं चुनौतियों का सामना करने को तैयार है। अपने पूरे इतिहास से हमने यह सबक सीखा है कि जब तानाशाह को अपनी आक्रामकता की कीमत नहीं चुकानी पड़ती तो वे और अधिक अराजकता फैलाने लगते हैं। वे आगे बढ़ते रहते हैं और अमेरिका तथा विश्व के लिए खतरा बढ़ता जाता है।

जो बाइडेन ने स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन में कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का गठन किया गया। आपको बता दें कि अमेरिका समेत 29 अन्य देश नाटो के सदस्य हैं और इसमें अमेरिकी कूटनीति मायने रखती है। राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि पुतिन का युद्ध पूर्व नियोजित और अकारण है। उन्होंने कूटनीति के प्रयासों को खारिज कर दिया। उन्होंने सोचा था कि पश्चिमी देश और नाटो इसका जवाब नहीं देंगे। उन्हें लगा था कि वह हमारे घर में ही हमें बांट सकते हैं। पुतिन गलत थे। हम तैयार हैं।