Breaking News

पर्ल, जिंक और केडियम के अलावा कलमी सोडा ने बढ़ाई चूडी कारखानेदारों की परेशानी

फिरोजाबाद। सोडा-एस के बाद अब रंग बिरंगी चूड़ी तैयार में प्रयुक्त केमिकल के दामों में भी उछाल आ गया है। कच्चे माल की दरों में बढ़ोत्तरी के कारण चूड़ी निर्माण की लागत बढ़ गई है। मंदी की हालात में कई कारखानों में आगामी दिनों में बंदी की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
सोडा-एस की दरों में बेतहाशा वृद्वि की मार झेल रहे चूड़ी कारखानेदारों की दिक्कतें कम नहीं हो रही हैं। लाल, हरी, बैंगनी, पीले रंग की चूड़ी तैयार करने में प्रयुक्त प्रमुख केमिकल पर्ल, कैडियम, जिंक और कांच चूड़ी भट्ठी के पॉट को साफ करने में प्रयुक्त कलमी सोडा के दाम भी बढ़ गये हैं। चूड़ी कारखानेदारों की मानें तो कच्चे माल की दर बढ़ने एवं बाजार में मंदी की कारण चूड़ी उत्पादन में नुकसान तय है। द इंडस्ट्रीरियल स्टेट कॉपरैटिव सोसायटी के सचिव संजय जैन के अनुसार वर्तमान हालातों में करीब 50 से अधिक चूड़ी कारखाने बंदी के हालात से जूझ रहे हैं।

केमिकलों से बनती हैं,रंग-बिरंगी चूड़ियां
केमिकल चूड़ी का रंग पूर्व की दर वर्तमान दर प्रति कि लोग्राम में
पर्ल बैगनी,कत्थई 620 रुपये 670 रुपये
कैडियम लाल, गुलाबी 260 रुपये 350 रुपये
जिंक पीला,मेहरून 310 रुपये 350 रुपये
चूड़ी का पॉट को साफ करने में प्रयुक्त कलमी सोडा के दाम 45 रुपये से बढ़कर 80 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच चुके हैं।
कच्चे माल की दरें नियंत्रण से बाहर हैं। सोमवार से सफेद चूड़ी को अलग-अलग रंग में परिवर्तित करने वाले कैडियम, पर्ल, जिंक और कलमी सोडा के दामों में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गई। इससे बाजार में मंदी के हालात हैं।
संजय जैन घंट्टू, सचिव, इंडस्ट्रीरियल कॉपरेटिव सोसायटी
मंदी के साथ चूड़ी की लागत बढ़ गई है। इससे रोज एक-दो कारखानों में काम बंद हो रहा है। हालत में सुधार नहीं हुआ तो अगले सप्ताह शत प्रतिशत चूड़ी कारखानों में तालाबंदी हो जाएगी। इससे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।