राजस्व में आ रही थी गिरावट
हर महीने 300 करोड़ का अवैध कारोबार
लखनऊ। सूबे में सालाना करीब साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये की शराब तस्करी के काले कारोबार पर यूपी-हरियाणा सरकार का डबल अटैक होगा। यूपी की नई आबकारी नीति में अंग्रेजी शराब के दामों में 25 प्रतिशत की कटौती की गई है। वहीं हरियाणा में दामों में बढ़ोतरी हुई है। आबकारी विभाग और शराब कारोबारियों का मानना है कि इससे शराब तस्करी पर लगाम लगेगी।
यूपी के आबकारी आयुक्त भवनाथ का कहना है कि जब फायदा कम होगा तो जाहिर सी बात है लोग दूसरे राज्यों से अवैध शराब लाने का रिस्क भी नहीं लेंगे। तस्करी रुकेगी तो इसका फायदा इंडस्ट्री और सरकार दोनों को होगा।
अवैध शराब की तस्करी के चलते शराब से होने वाले राजस्व में लगातार गिरावट आ रही थी। वर्ष 2014 के मुकाबले 2015 में राजस्व में औसतन 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। वाराणसी, जालौन, सोनभद्र, लखीमपुर खीरी, संतकबीरनगर, बलिया, बस्ती जैसे जिले जहां शराब की खासी खपत होती थी, वहां भी करीब 30 प्रतिशत राजस्व की गिरावट देखी गई। वेस्ट यूपी के भी कई जिलों में काफी गिरावट आई है।
यूपी एसटीएफ ने पंचायत चुनाव से लेकर जनवरी तक करीब नौ करोड़ रुपये की तस्करी की शराब, स्प्रिट की धरपकड़ की थी। गाजियाबाद में आबकारी विभाग ने करोड़ों की अवैध शराब पकड़ी। इससे इतर करोड़ों की शराब रोजाना तस्करी के जरिए यूपी में लाई जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक यूपी में हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पंजाब से हर महीने 300 करोड़ की अवैध शराब तस्करी के जरिए आ रही है। लखनऊ शराब असोसिएशन के महामंत्री कन्हैया लाल मौर्या ने बताया कि यूपी और हरियाणा सरकार के इस कदम से यूपी में तस्करी की अवैध शराब पर लगाम लगेगी।