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हरियाणा में मतदान की तारीख ने ने बढ़ाई भाजपा की चिंता, क्या होगा चुनाव की तारीखों में बदलाव

हिसार (हरियाणा)

हरियाणा में मतदान की तारीख ने भारतीय जनता पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने भारत निर्वाचन आयोग और हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिख निर्धारित तारीख को बदलने का अनुरोध किया है।

हरियाणा में आगामी चुनावों की तारीखों में बदलाव हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, अब चुनाव सात या आठ अक्टूबर को हो सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव की तारीख बदलने की मांग की है, जिसके बाद चुनाव आयोग इस पर विचार कर रहा है।

इस संबंध में मंगलवार को चुनाव आयोग की ओर से औपचारिक घोषणा की जा सकती है। चुनाव आयोग के संभावित निर्णय का सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के चुनावी रणनीतियों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। अब सभी की नजरें मंगलवार को होने वाली घोषणा पर टिकी हैं, जिसमें यह साफ हो सकेगा कि हरियाणा के मतदाता किस दिन अपना वोट डालेंगे।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने तर्क दिया है कि एक अक्तूबर के आसपास वीकेंड व छुट्टियां हैं। इस कारण लोग बाहर घूमने जा सकते हैं, जिसका असर मतदान प्रतिशत पर पड़ सकता है। साथ ही यह भी कहा है कि अगली तारीख निर्धारित करते समय यह ध्यान रखा जाए कि मतदान की तिथि से एक दिन पहले और मतदान के अगले दिन अवकाश न हो। ऐसा होने से ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान में हिस्सा ले सकेंगे।

बड़ौली ने पत्र में बताया है कि 28 व 29 को शनिवार व रविवार है। एक अक्तूबर को मतदान होने की वजह से छुट्टी है। दो अक्तूबर को गांधी जयंती और तीन को अग्रसेन जयंती है। 30 की छुट्टी लेकर छह दिन का लंबा वीकेंड पड़ रहा है। ऐसे में लोग छुटि्टयां मनाने प्रदेश के बाहर जा सकते हैं, जिससे मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है। इस पर मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल ने बताया, उन्हें भाजपा का पत्र मिला है, जिस पर उपयुक्त फैसला लेने के लिए इसे निर्वाचन आयोग को भेज दिया गया है।

दो साल पहले पंजाब में विधानसभा चुनाव की बदली गई थी तारीख
चुनाव आयोग इससे पहले भी तारीख में बदलाव कर चुका है। साल 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीख 14 फरवरी निर्धारित की गई थी। इसके दो दिन बाद रविदास जयंती थी। पंजाब के काफी लोग रविदास जयंती मनाने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जाते हैं। राजनीतिक दलों के अनुरोध के बाद मतदान की तारीख में परिवर्तन कर 20 अक्तूबर किया गया था।

बिश्नोई समाज ने भी मतदान की तारीख बदलने की मांग की
भाजपा के बाद बिश्नोई समाज महासभा ने भी मतदान की तारीख में बदलाव की मांग की है। महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा-हर साल राजस्थान के बीकानेर में गुरु जंभेश्वर भगवान की समाधि स्थल पर अमावस्या के दिन बड़ा मेला आयोजित होता है, जिसमें हरियाणा समेत पूरे देश के बिश्नोई समाज के लाखों श्रद्धालु मेले में पहुंचते हैं। इस बार एक अक्तूबर को आसोज की अमावस्या पर मुक्तिधाम मुकाम में मेला निर्धारित है। दो को भी पूरे दिन अमावस्या है और एक को ही मतदान है। महासभा का कहना है कि मेला होने की वजह से बिश्नोई समाज के काफी लोग चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे, इसलिए मतदान की तारीख बदली जाए।

लोकसभा चुनाव में गर्मी की वजह से कम हुआ था मतदान
इससे पहले लोकसभा चुनाव में गर्मी की वजह से मतदान प्रतिशत में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई थी। 25 मई को भीषण गर्मी थी और लोग घरों से मतदान के लिए नहीं निकले। 2019 में करीब 70 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि बीते मई को 65 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था।