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सोनिया गांधी को भी नहीं था पता- PM मोदी को गले लगा लेंगे राहुल

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के शुक्रवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जुबानी हमले के बाद उन्हें गले लगाने की चर्चा हो रही है. हालांकि, आपको बता दें कि राहुल गांधी के इस कदम के बारे में उनकी पार्टी में किसी को पता नहीं था. यहां तक कि उनकी मां और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी को भी इस बारे में पता नहीं था.

कांग्रेस की ओर से बताया गया है कि उनके अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद के अंदर गले लगाना एक स्वतःस्फूर्त भाव का नतीजा था और यह पूर्व निर्धारित नहीं था. राहुल ने इस कदम ने सिर्फ पीएम या उनकी पार्टी बीजेपी को ही नहीं, सदन में मौजूद सभी को हतप्रभ कर दिया था.

कांग्रेसी सांसदों को भी इसके बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी और न ही किसी को इसका अंदाजा था कि भाषण खत्म होने के तुरंत बाद राहुल पीएम को गले लगा लेंगे. यहां तक कि यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी इसकी जानकारी नहीं थी.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट किया, राहुल गांधी ने क्या शानदार प्रदर्शन किया. यह ‘गेम-चेंजिंग’ भाषण था. सरकार के दावों की धज्जियां उड़ाने के बाद उन्होंने अपने भाषण की समाप्ति अलिखित गले लगकर की, जिसने सच में बीजेपी को हतप्रभ कर दिया.

गौरतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव पर भाषण देने के क्रम में बीजेपी पर निशाना साधने के बाद, राहुल सत्तारूढ़ बेंच की तरफ बढ़े और उन्होंने जाकर मोदी को गले लगाया. इस घटना ने लोकसभा में सभी को स्तब्ध कर दिया.

राहुल ने अपने 40 मिनट के जोरदार भाषण में कहा, ‘मेरे मन में आपके लिए नफरत या द्वेषपूर्ण भावनाएं रत्ती भर भी नहीं हैं. आप मुझसे नफरत करते हैं, मैं शायद आपके लिए ‘पप्पू’ हूं. आप मेरे लिए अपशब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन मैं आपसे प्यार करता हूं और आपका सम्मान करता हूं, क्योंकि मैं कांग्रेस हूं.’

प्रधानमंत्री पहले थोड़ा-सा हैरान हुए, फिर उनकी तरफ से इस तरह का भाव दिखा जैसे वह गांधी से कह रहे हैं कि वह यहां क्यों आ गए. लेकिन राहुल ने मोदी को बाहों में भर लिया और उन्हें गले लगा लिया.

इस घटना से हतप्रभ प्रधानमंत्री जब सामान्य हुए तो उन्होंने राहुल को बुलाया और उनसे हाथ मिलाया. उन्होंने राहुल की पीठ थपथपाई और उनसे कुछ बातें भी कीं.

राहुल के इस कदम से सत्ताधारी दल बीजेपी कुछ समय बाद ही उबर पाया और कुछ देर के लिए सदन स्थगित होने के बाद ही पार्टी सांसदों की ओर से उनके इस कदम पर ही नपीतुली प्रतिक्रिया आई.