नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकी एक बार फिर बड़ी दहशत फैलाने के फिराक में हैं. इस बार आतंकियों ने दहशत के लिए जंग-ए-बदर का दिन चुना है. आतंकियों का मंसूबा है कि इस दिन ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान लेकर अपने नापाक इरादों को आगे बढ़ा सकें. इन नापाक मंसूबों को अमलीजामा पहनाने के लिए आतंकी फिदायीन या हिट एंड रन अटैक जैसी वारदातों को अंजाम दे सकते हैं. आतंकी अपने नापाक मंसूबों को आगे अंजाम तक पहुंचाने में सफल होते, इससे पहले जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों को इसकी भनक लग गई है. सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के इन मंसूबों को नापाक करने के लिए पूरी घाटी से अलर्ट जारी कर दिया है. अलर्ट में सभी धार्मिक स्थल, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बाजार सहित भीड़भाड़ वाले इलाकों पर खास सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है.
आतंकी रमजान के 17वें रोजे पर लेना चाहते हैं सैकड़ों जानें
जम्मू-कश्मीर में तैनात एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, 2 जून को रमजान का 17वां रोजा है. इस दिन में ‘जंग-ए-बदर’ के तौर पर भी जाना जाता है. मुस्लिम समुदाय में जंग-ए-बदर को तीन दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें पहले दो दिनों में तमाम जूलूस निकाले जाते है. शाम को ‘अमाल’ यानी प्रार्थना का आयोजन होता है. तीसरे दिन समुदाय से जुड़े ज्यादातर लोग पूरी रात मस्जिद में गुजारतेे हैं. यह मान्यता है कि जंग-ए-बदर की तीसरी रात को मस्जिद में नमाज पढ़ने पर पूरे साल की नमाज पूरी हो जाती है. लिहाजा, 4 जून की रात जम्मू-कश्मीर की सभी मस्जिदों में भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी होगी. आतंकियों का मंसूबा है कि इन्हीं भीड़भाड़ वाले इलाकों में आतंकी वारदात को अंजाम दिया जाए, जिससे जम्मू-कश्मीर में बड़े स्तर लोगों की जान को लिया जा सके. आतंकियों के इन मंसूबों को समझने के बाद सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में व्यापक स्तर पर सुरक्षा घेरा तैयार कर लिया.
#FLASH Security forces issue alert over the high possibility of a Fidayeen and a hit & run attack on security forces and their establishments, in Srinagar in next 2-3 days. #JammuAndKashmir
— ANI (@ANI) June 1, 2018
इतिहास के पन्नों का सहारा ले आतंकी तैयार कर रहे हैं फिदायीन
सुरक्षाबल से जुड़े सूत्रों के अनुसार आतंकी अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए जंग-ए-बदर से जुड़े इतिहास के पन्नों की मदद से लोगों को भड़काने की कोशिश में लगे हुए हैं. लोगों को भड़काने के लिए सोशल मीडिया के जरिए एक संदेश प्रसारित किया जा रहा है कि ‘रमाजन के 17वें रोजे के दिन असत्य पर सत्य की जीत हुई थी. यह वही दिन है जब 313 लड़ाकों ने अपने रसूल हुजूर के नेतृत्व में1000 से अधिक दुश्मनों को शिकस्त दी थी. अपना झंडा बुलंद करने के लिए 313 लड़ाकों से प्रेरणा लें.’ वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के अनुसार इस तरह के संदेशों को जारी कर आतंकी कश्मीर के गुमराह नौजवानों को ज्यादा से ज्यादा जाने लेने के लिए कह रहे है. उनका मंसूबा है कि वह एक कश्मीरी से दूसरे कश्मीरियों का शिकार करा सकें. लिहाजा सुरक्षाबलों के इंटेलीजेंस से जुड़े सभी लोगों को घाटी में सक्रिय कर दिया है. स्थानीय मुखबिरों से उन लोगों की जानकारी निकाली जा सकती है जो अगले तीन दिनों में दहशत फैलाने की तैयारी में लगे हुए हैं.
सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर भी आतंकी हमले का खतरा
सुरक्षाबल से जुड़े सूत्रों के अनुसार जंग-ए-बदर पर आतंकी सुरक्षाबलों से जुड़े परिसरों पर भी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिरांक में हैं. आतंकियों के निशाने पर वह सुरक्षा परिसर हैं जो घाटी के विभिन्न भीड़भाड़ वाले इलाकों के बीचों बीच बने हुए हैं. इन परिसरों पर आतंकी हिट एण्ड रन अटैक कर सकते हैं. जिसमें विस्फोटक से भरे किसी वाहन को सुरक्षा परिसर के टकराकर बड़ा विस्फोट करना है. जिससे सभी सुरक्षा चक्रों को एक बार में ध्वस्त किया जा सके. सुरक्षा चक्र ध्वस्त होते ही फिदायीन आतंकियों का दूसरा दस्ता परिसर में मौजूद सुरक्षाबलों पर गोलीबारी करने कर सकते हैं. सुरक्षाबल के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आतंकियों के इन मंसूबों को ध्यान में रखते हुए घाटी में सुरक्षा के सभी उपाय पूरे किए जा रहे हैं.