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सहारनपुर में फिर हिंसा के बाद 24 अरेस्ट, बीजेपी ने कहा- मायावती ने बिगाड़ा माहौल

सहारनपुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में मायावती के दौरे के बाद शुरू हुई हिंसा में 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सहारनपुर जिले में शब्बीरपुर में हिंसक घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. बीजेपी ने इस हिंसा के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती को जिम्मेदार ठहराया है.

यूपी के उर्जा मंत्री और सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि यह अपेक्षा थी कि सहारनपुर में पूर्व मुख्यमंत्री के जाने से शांति बहाली में सहयोग मिलेगा लेकिन ऐसा ना होना दुखद है. उन्होंने कहा कि सहारनपुर में शांति और सद्भाव का वातावरण बन चुका था लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री के पहुंचने पर तनाव और अशांति का माहौल बना और दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गयी जिसमें निर्दोष युवक मारा गया.

शर्मा ने कहा कि नई सरकार की उपलब्धियों से भरे दो महीने के कार्यकाल को विपक्षी पचा नहीं पा रहे हैं. करारी हार से निराश विपक्ष षडयंत्रकारी गतिविधियों में लग गया है. लेकिन सरकार विपक्ष के इस प्रकार के षडयंत्रों एवं नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी और जल्द ही ऐसे षडयंत्रकारियों को बेनकाब करेगी.

बता दें कि राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को सहारनपुर का दौरा किया था. वह क्षेत्र में पिछले दिनों हुई हिंसक घटनाओं के बाद पीड़ितों से मिलने यहां आई थीं. हिंसा के बाद योगी आदित्यनाथ ने अफसरों की एक टीम को यूपी रवाना की थी.

नगर पुलिस अधीक्षक प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि कुछ शरारती तत्वों ने कुछ घरों में आग लगा दी थी. घटना की सूचना मिलने पर जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर हालात को नियंत्रण में लिया.

आसपास के इलाकों में तनाव
सिंह ने बताया कि हिंसा के दौरान एक गाड़ी को रोककर उसमें सवार लोगों पर हमला किया गया. इसमें सरसवा के रहने वाले आशीष की मौत हो गई और बाकी चार लोग घायल हो गए. घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस के मुताबिक शब्बीरपुर गांव में एक दर्जन घरों में आगजनी की गई. शब्बीरपुर और आसपास के इलाकों में अभी भी तनाव का माहौल है.

बता दें बसपा प्रमुखर मायावती मंगलवार को सहारनपुर का दौरा करने गई थीं. मयावती, ग्राम शब्बीरपुर में 5 मई को हुई हिंसा के बाद पीडितों से मिलने गई थीं. सहारनपुर जिले में हुई हिंसा के लिए मायावती ने सूबे के मुख्यमंत्री सहित प्रशासन के अधिकारी जिम्मेदार ठहराया था.