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लोया मौत मामला: BJP ने कहा- याचिका के पीछे राहुल गांधी का हाथ, माफी मांगें

नई दिल्ली। जज लोया की मौत मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी पर निशाना साधा है. सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला उन अर्जियों पर सुनाया है, जिसमें सीबीआई की विशेष अदालत के जज बी एच लोया की कथित रहस्यमयी मौत की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई थी. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि याचिका के पीछे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का हाथ है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. बीजेपी की ओर से कहा गया है कि कांग्रेस ने राजनीतिक बदले की भावना से काम किया है. जब कि कोर्ट ने जज लोया की मौत को स्वाभाविक माना है.

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The people who have been politicizing the judiciary for their own motives, now stand exposed: Sambit Patra, BJP on SC dismissing petitions seeking SIT probe in death case

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जज लोया मामले में जांच की अर्जी को खारिज कर दिया. कोर्ट ने इस मामले की एसआईटी जांच कराने की मांग को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कि पीआईएल का गलत इस्तेमाल हो रहा है. पीआईएल का इस्तेमाल राजनीति के लिए किया जा रहा है. न्याय पालिका को बदनाम करने की कोशिश की गई है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी लोया मामले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक बार फिर कांग्रेस का पर्दाफाश कर दिया है. राहुल गांधी ने को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की, जिससे लोगों में सरकार के प्रति नकारात्मक भाव पैदा हुए. मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं.

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The verdict in case has exposed the Congress once again. Rahul Gandhi should apologise to the people of the country. They have tried to create such an environment that develops negative emotions. in people for the govt. Welcome the decision of SC: UP CM Yogi Adityanath

आपको बता दें कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस ए एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने 16 मार्च को इन अर्जियों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली सारी अर्जियां प्रेरित हैं और उनका मकसद कानून का शासन बरकरार रखने की दुहाई देकर ‘एक व्यक्ति’ को निशाना बनाना है.

राज्य सरकार ने लोया मामले में कुछ वकीलों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के प्रति आक्रामक रवैया अपनाने और इस मामले से जुड़े आरोपों पर बरसते हुए कहा था कि न्यायपालिका और न्यायिक अधिकारियों को ऐसे व्यवहार से बचाने की जरूरत है. इस बीच मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग करने वालों ने घटनाक्रम का हवाला देकर यह बताने की कोशिश की थी कि लोया की मौत में किसी साजिश से इनकार करने के लिए निष्पक्ष जांच की जरूरत है.