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लोकसभा चुनाव से पहले दक्षिण में भाजपा के समर्थन में जोरदार माहौल तैयार , दक्षिण में भी खिलेगा कमल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनावों के लिए अबकी बार 400 पार का नारा तो लगवा ही रहे हैं साथ ही इस नारे को हकीकत में बदलने के लिए खुद पूरा जीजान भी लगा रहे हैं। भाजपा की हर कमजोर कड़ी को दुरुस्त करने में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल और तमिलनाडु के दौरे से बड़े संदेश दिये हैं। इन दो दक्षिणी राज्यों में एक के बाद एक हुए कार्यक्रमों में मोदी ने कहा कि दोनों राज्यों के लोगों की मदद करने में उनकी पार्टी किसी से पीछे नहीं है। हम आपको बता दें कि दक्षिण के इन राज्यों को भाजपा की कमजोर कड़ी के रूप में देखा जाता है। प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ महीनों में राज्यों के कई दौरे किये हैं, जिसमें आधिकारिक दौरों के साथ-साथ मंदिरों के दौरे और रोड शो भी शामिल हैं। मोदी के ये दौरे ऐसे समय हुए हैं जब भाजपा केरल और तमिलनाडु में किसी भी अग्रणी गठबंधन का हिस्सा नहीं होने के बीच खुद को मजबूत करने के लिए प्रयास कर रही है। इन राज्यों में लोकसभा की कुल 59 सीटें हैं जो वर्तमान में कांग्रेस, द्रमुक और सहयोगी दलों के पास हैं। भाजपा का यहां से कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

इसलिए लोकसभा चुनाव से पहले दक्षिण में भाजपा के समर्थन में माहौल तैयार करने का प्रयास करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस और वाम सहित केरल और तमिलनाडु में प्रमुख दलों पर जोरदार निशाना साधा। मोदी ने यह कहते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस पर निशाना साधा कि वे केरल में एक-दूसरे के दुश्मन हैं, लेकिन अन्य राज्यों में ‘बीएफएफ’ यानी ‘‘हमेशा के लिए सबसे अच्छे दोस्त’’ हैं। मोदी ने केरल में कहा कि भाजपा ने कभी भी किसी राज्य को वोट बैंक नहीं माना और साथ ही तमिलनाडु में कहा कि उनकी पार्टी के शासन के पिछले दशक में राज्य को अधिक केंद्रीय धनराशि प्राप्त हुई। मोदी की इन टिप्पणी को दोनों राज्यों के इस दावे के प्रत्युत्तर के रूप में देखा जा रहा है कि उन्हें धनराशि के वितरण के मामले में नुकसान उठाना पड़ा है।

मोदी ने केरल में स्थानीय प्रतिद्वंद्वियों माकपा और कांग्रेस की आलोचना की, पड़ोसी तमिलनाडु में, उन्होंने तमिल गौरव से जुड़े मुद्दों पर जोर दिया, जो राज्य की राजनीति से जुड़े हुए हैं। केरल के तिरुवनंतपुरम के सेंट्रल स्टेडियम में भाजपा की केरल प्रदेश इकाई के प्रमुख के. सुरेंद्रन की पदयात्रा के समापन समारोह में मोदी ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि उसके पास देश की प्रगति के लिए रोडमैप का अभाव है। मोदी ने कहा कि विपक्ष यह मान चुका है कि वह इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में जीत नहीं पाएगा, इसीलिए उसके नेता उन्हें ‘भला-बुरा’ कहने की रणनीति अपना रहे हैं। उन्होंने तमिलनाडु में भी इसी तरह की टिप्पणी की, जहां उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने पहले ही “हार मान ली है” लेकिन देश और राज्य को लूटने की मंशा रखते हैं। मोदी ने कहा, ‘‘केरल में कांग्रेस और कम्युनिस्ट एक-दूसरे के दुश्मन हैं, लेकिन अन्य राज्यों में वे ‘बीएफएफ’ हैं। बीएफएफ का मतलब है- हमेशा के लिए सबसे अच्छे दोस्त।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री (पिनराई विजयन) पर भ्रष्टाचार एवं घोटालों में शामिल होने का आरोप लगाया और वाम सरकार को फासीवादी करार दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसके जवाब में कम्युनिस्टों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कराया और उनके पूर्ववर्ती प्रशासनों पर विभिन्न घोटालों में शामिल होने का आरोप लगाया, लेकिन केरल के बाहर ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठकों में वे एक साथ बैठते हैं, समोसे और बिस्कुट खाते हैं और चाय पीते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यानी तिरुवनंतपुरम में वे कुछ और कहते हैं तथा दिल्ली में कुछ और कहते हैं। केरल के लोग आगामी लोकसभा चुनावों में इस विश्वासघात का जवाब देंगे।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा कभी किसी राज्य को वोट बैंक के नजरिए से नहीं देखती। मोदी ने दावा किया कि पिछले 10 साल में केरल को अन्य भाजपा शासित राज्यों की तरह ही विकास से लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनकी गारंटी है कि वह केरल के लोगों के सपनों और आकांक्षाओं को साकार करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि ‘मोदीयूड गारंटी’ (मोदी की गारंटी) भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के साथ-साथ देश से गरीबी और भ्रष्टाचार को खत्म करने की है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “जब भाजपा केरल में मजबूत नहीं थी, तब भी हमने केरल को सशक्त बनाने के लिए काम किया। पिछले 10 वर्षों में, विकास का लाभ केरल को भी उतना ही मिला है जितना भाजपा शासित राज्यों को मिला है।” तमिलनाडु में, मोदी ने सत्तारूढ़ द्रमुक की आलोचना की। हालांकि, उन्होंने अन्नाद्रमुक के दिग्गजों–दिवंगत मुख्यमंत्रियों एम जी रामचन्द्रन और जे जयललिता की जमकर तारीफ की। हम आपको बता दें कि अन्नाद्रमुक ने 2019 का लोकसभा चुनाव और 2021 का राज्य विधानसभा चुनाव भाजपा के सहयोगी के रूप में लड़ा था। अन्नाद्रमुक सितंबर 2023 में भाजपा से अलग हो गई थी। मोदी ने दोनों नेताओं, विशेषकर एमजीआर की प्रशंसा पल्लडम में की। यह शहर पश्चिमी क्षेत्र का हिस्सा है जिसे अन्नाद्रमुक का गढ़ माना जाता है। हम आपको यह भी बता दें कि मोदी ने कोयंबटूर, तिरुप्पुर, सेलम, इरोड और नामक्कल क्षेत्र के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले तमिल शब्द ‘कोंगु’ का इस्तेमाल किया जिससे कई लोगों की भौंहें तन गईं।

इस कार्यक्रम के साथ पिछले साल जुलाई में शुरू हुई भाजपा की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के अन्नामलाई की ‘एन मन, एन मक्कल’ पदयात्रा का समापन भी हुआ। इस दौरान मोदी ने संसद में स्थापित राजदंड ‘सेंगोल’ जैसे तमिल गौरव के मुद्दों का उल्लेख किया। वहीं उन्होंने द्रमुक की वंशवाद की राजनीति को एमजीआर का “अपमान” बताया, जिनकी राजनीतिक यात्रा प्रतिभा पर आधारित थी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के साथ उनका रिश्ता राजनीतिक नहीं बल्कि भावनात्मक है और राज्य ने उन्हें बहुत प्यार दिया है। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी, अन्नामलाई और केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन के साथ एक खुले वाहन में रैली स्थल पर पहुंचे और उन पर पुष्प वर्षा की गई। उन्होंने कहा कि सेंगोल को “इस देश और तमिलनाडु की भव्य विरासत का सम्मान करते हुए” संसद में स्थापित किया गया है। बाद में दिन में, वह प्रसिद्ध मदुरै मीनाक्षी मंदिर गए और पूजा अर्चना की। हम आपको बता दें कि मोदी दक्षिणी राज्यों के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने आज तमिलनाडु में कई हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं समर्पित कीं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मुझे तिरुनिवेली आने का सौभाग्य मिला है। इन सभी स्थानों पर मुझे एक बात समान दिखी कि बच्चे, बूढ़े, नौजवान, महिलाएं, गरीब, मिडल क्लास, तमिलनाडु का हर वर्ग, हर समाज आज पूरे विश्वास के साथ भाजपा के साथ खड़ा नजर आ रहा है।