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रेड्डी बंधु BJP के गले की फांस, दाग से परहेज लेकिन सहयोग से गुरेज नहीं

नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सिद्धारमैया सरकार पर करप्शन के आरोप लगा रही बीजेपी के लिए अरबपति कारोबारी जनार्दन रेड्डी गले की फांस बने हुए हैं. अवैध खनन के आरोपी रहे रेड्डी से पार्टी चुनाव में भरपूर मदद ले रही है लेकिन सार्वजनिक रूप से उनके साथ दिखने से परहेज कर रही है.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह साफ कह रहे हैं कि जनार्दन रेड्डी से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन विपक्ष खासकर कांग्रेस रेड्डी के भाइयों और रिश्तेदारों को बीजेपी से एक-दो नहीं बल्कि पूरे छह टिकट मिलने को मुद्दा बना रही है. बीजेपी के सीएम पद के उम्मीदवार बी एस येदियुरप्पा सार्वजनिक तौर पर कह रहे हैं कि वे रेड्डी को माफ कर चुके हैं, तो प्रदेश प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर भी रेड्डी द्वारा खुलेआम बीजेपी का प्रचार करने का बचाव कर रहे हैं.

जनार्दन रेड्डी का बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार इस लिहाज से अहम है कि उन्होंने 2008 में कर्नाटक में बीजेपी का कमल खिलाने में अहम भूमिका अदा की थी. इसी का नतीजा था येदियुरप्पा सरकार में रेड्डी ब्रदर्स का रुतबा देखने लायक था. लेकिन घोटालों और अवैध खनन के आरोपों ने जल्द ही रेड्डी बंधुओं की राजनीतिक साख को बट्टा लगा दिया. इसी के चलते येदियुरप्पा की सीएम की कुर्सी गई.

कौन हैं जनार्दन रेड्डी

बेल्लारी और आसपास के इलाके में लोहे के अयस्क के अवैध खनन में अभियुक्त जनार्दन रेड्डी का नाम खनन किंग के तौर पर जाना जाता है. सीबीआई ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और अवैध माइनिंग के कई मामलों में केस दर्ज किए हैं. वे 2015 से जमानत पर हैं. रेड्डी तीन साल तक जेल में भी रह चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से जनार्दन रेड्डी को बेल्लारी जिले में घुसने की भी इजाजत नहीं है.

अरबपति जनार्दन रेड्डी खुद इस बार चुनाव मैदान में नहीं हैं लेकिन इसके बावजूद जनार्दन रेड्डी सियासत के मैदान से बाहर नहीं हैं. बीजेपी लंबे वक्त से रेड्डी ब्रदर्स से दूरी बनाए रखने का दावा करती रही है. लेकिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी ना सिर्फ रेड्डी ब्रदर्स को वापस लाई बल्कि खुले हाथ से उन्हें और उनके करीबियों को टिकट भी बांटे.

रेड्डी के खाते में गए पूरे छह टिकट

बेंगलुरु की बीटीएम लेआउट सीट से लल्लेश रेड्डी को टिकट दिया गया है. लल्लेश रिश्ते में जनार्दन रेड्डी के भतीजे हैं. जनार्दन रेड्डी के दो भाइयों- गली सोमशेखर रेड्डी को बेल्लारी सिटी सीट और करुणाकर रेड्डी को हरापनहल्ली सीट से बीजेपी का टिकट मिला है. रेड्डी ब्रदर्स के बहुत करीबियों में माने जाने वाले श्रीरामुलू को मोलाकलमुरु सीट, फकीरप्पा को बेल्लारी ग्रामीण सीट और टीएच सुरेश बाबू को कंपाली सीट से बीजेपी उम्मीदवार बनाया गया है. तीन रेड्डी भाइयों में करुणाकर सबसे बड़े और सोमाशेखर सबसे छोटे हैं.

चुनाव में उतरे दोनों भाइयों, रिश्तेदार और करीबियों के प्रचार में जनार्दन रेड्डी की धमक पूरी तरह देखी जा रही है. जनार्दन रेड्डी इस बार उत्तर कर्नाटक के कम से कम 6 जिलों में बीजेपी के प्रचार की कमान अपने हाथ में रखे हुए हैं. इन जिलों के नाम हैं- रायचूर, बेल्लारी, चित्रादुर्गा, कोप्पल, हावेरी और गडग. वे बीजेपी के मिशन 150 को हकीकत में बदलने के लिए जी-जान से जुटे हैं.

क्या कह रहे हैं बीजेपी नेता

पिछले महीने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि बीजेपी का जनार्दन रेड्डी से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन अब कर्नाटक के बीजेपी प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर कह रहे हैं कि पार्टी  ने सर्वे, आम धारणा और जीत के आधार पर टिकट दिया है. जनार्दन रेड्डी बीजेपी का हिस्सा नहीं हैं. वह व्यक्तिगत रूप से स्वतंत्र हैं. ऐसे में वे पार्टी के किसी भी सदस्य, अपने बेटे, पत्नी और किसी रिश्तेदार के नामांकन में जा सकते हैं.

बीजेपी के सीएम पद के उम्मीदवार मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और पार्टी के अन्य नेता रेड्डी बंधुओं का सारा अतीत भूल चुके हैं. जनार्दन रेड्डी का जिक्र करते हुए येदियुरप्पा ने खुद ही कहा कि राज्य के हित के लिए उन्हें माफ कर दिया गया है. रेड्डी के साथ-साथ उन लोगों को भी माफ कर दिया गया है जिन्होंने, मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हें संकट में ढकेल दिया था.

कांग्रेस और सिद्धारमैया बना रहे हैं निशाना

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया रेड्डी बंधुओं और येदियुरप्पा को लेकर लगातार बीजेपी पर हमला कर रहे हैं. मंगलवार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में चुनावी रैलियां शुरू कीं. उनकी रैली के साथ ही सिद्धारमैया ने ट्वीट कर बीजेपी पर हमले किए. सिद्धारमैया ने लिखा कि पीएम बताएं कि क्या जर्नादन रेड्डी उनकी रैलियों में शामिल होंगे? आपने रेड्डी बंधुओं और उनके 8 सहयोगियों को टिकट दिया है, क्या येदियुरप्पा अभी भी आपके मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं?