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यूक्रेन सहित विभिन्न मुद्दों पर पीएम मोदी ने की राष्ट्रपति से की चर्चा

नई दिल्ली। जर्मनी, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे कई देशों ने यूक्रेन को सैन्य सहायता भेजने का फैसला किया है। इस बीच, भारत ने सोमवार को हुई यूएनएचआरसी की बैठक में फिर से मतदान से परहेज किया। भारत की चुप्पी पर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। ऐसे में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की और उन्हें यूक्रेन सहित विभिन्न मुद्दों पर जानकारी दी है। यूक्रेन और रूस के बीच के युद्ध पर भारत अपनी भूमिका तय कर रहा है।

एअर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान यूक्रेन में फंसे 182 भारतीय नागरिकों को रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से लेकर मंगलवार सुबह मुंबई पहुंचा। विमानन कम्पनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने मुंबई हवाई अड्डे पर नागरिकों का स्वागत किया।

उन्होंने बताया कि बताया कि एअर इंडिया एक्सप्रेस का विमान IX-1202 बुखारेस्ट से कुवैत होते हुए सबह सात बजकर 40 मिनट पर मुंबई पहुंचा। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए विमान सोमवार को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीएसएमआईए) से बुखारेस्ट के लिए रवाना हुआ था।

तुर्की के सार्वजनिक प्रसारक टीआरटी वर्ल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, खार्किव और कीव के बीच एक शहर ओख्तिरका में रूसी तोपखाने द्वारा एक सैन्य अड्डे पर हमला करने के बाद 70 से अधिक यूक्रेनी सैनिक मारे गए हैं। ओख्तिरका यूक्रेन की राजधानी कीव से 345 किलोमीटर दूर है।

रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर सोमवार को बमबारी की। इसके साथ ही रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव के और करीब पहुंच गई है और करीब 40 मील के काफिले में रूस के टैंक और अन्य सैन्य वाहन कूच कर रहे हैं। वहीं, युद्ध को रोकने के लिए चल रही वार्ता केवल आगे की दौर की वार्ता पर सहमति बनने के साथ ही समाप्त हो गई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि बमबारी में वृद्धि केवल उनपर दबाव बनाने के उद्देश्य से की गई है। उन्होंने सोमवार को देर रात जारी वीडियो संदेश में कहा, ‘‘रूस इन आसान तरीकों से (यूक्रेन पर) दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। जेलेंस्की ने हालांकि दिन में दोनों पक्ष के बीच हुई लंबी वार्ता की जानकारी नहीं दी लेकिन उन्होंने कहा कि कीव कोई रियायत देने को तैयार नहीं है, वह भी तब जब एक ओर रॉकेट और तोप से हमले किए जा रहे हैं।