नई दिल्ली। म्यांमार से अवैध रुप से भारत में दाखिल हो चुके रोहिंग्या मुसलमान देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। केंद्र सरकार पहले से ही इन रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध शरणार्थी करार दे चुकी है। लेकिन, इन मुसलमानों की घुसपैठ अब भी जारी है। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ को रोकने के लिए नया प्लान बनाया है। जिस पर सभी एजेंसियों को सख्ती से पालन का निर्देश भी दिया गया है। ताकि एक भी रोहिंग्या मुसलमान अवैध तरीके से देश की दहलीज में दाखिल ना हो सके। केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वो उन रास्तों का पता लगाए जहां से सबसे ज्यादा इन मुसलमानों की घुसपैठ होती है। इसके साथ ही सक्रिय दलालों पर भी शिकंजा कसने को कहा गया है।
दरअसल, रोहिंग्या मुसलमान देश में दाखिल होने के लिए पश्चिम बंगाल के साथ-साथ त्रिपुरा के भी कई रास्तों का इस्तेमाल करते हैं। इन रास्तों को इन मुसलमानों की घुसपैठ के लिए सेफ पैसेज माना जाता है। इन इलाकों में बार्डर पर दलाल सक्रिय रहते हैं जो एक आदमी को सीमा पार कराने के एवज में दस से 25 हजार रुपए की वसूली करते हैं। इस खबर के बाद मोदी सरकार हरकत में आ गई है। उसने अपनी सभी केंद्रीय एजेंसियों को इस बात के निर्देश दिए हैं कि वो भारत में रोहिंग्या मुसलमानों की एंट्री के सभी संभावित रास्तों की पहचान कर उन पर रोक लगाने के लिए कड़े से कड़े कदम उठाएं। इस तरह के रास्तों पर सिक्योरिटी फोर्सेज की गश्त भी बढ़ाई जाएगी। ताकि घुसपैठ को रोका जा सके।
इसके साथ ही खुफिया विभाग के लोग इस बात की भी जांच में जुट गए हैं कि देश के भीतर वो कौन लोग हैं जो रोहिंग्या मुसलमानों को मदद पहुंचाते हैं। दरअसल, अभी हाल ही में दिल्ली और हैदराबाद में भी कुछ रोहिंग्या मुसलमान पकड़े गए थे। इन लोगों से जब पूछताछ की गई तो पता चला कि इन लोगों ने घुसपैठ के नए रास्ते तलाश लिए हैं। इसके लिए म्यांमार, बांग्लादेश और भारत तीनों ही जगहों पर इनके सक्रिय एजेंट मौजूद हैं। जो हालात के हिसाब से पैसे लेकर और मुफ्त में भी लोगों की घुसपैठ भारत में कराते हैं। इस संबंध में एक डिटेल रिपोर्ट गृहमंत्रालय को भी भेजी जा चुकी है। इसके बाद ही गृहमंत्रालय ने इस बाबत कड़े कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं। गृहमंत्रालय नहीं चाहता है कि ये लोग देश की सुरक्षा के लिए और बड़ा खतरा बनें।
इतना ही नहीं सरकार को इस बात की भी जानकारी मिली है कि म्यांमार, बांग्लादेश और भारत में रोहिंग्या मुसलमानों को फर्जी पहचान पत्र देने वाला रैकेट भी सक्रिय है। जो इन लोगों को पश्चिम बंगाल या त्रिपुरा का फर्जी आधार कार्ड या फिर मतदाता पहचान पत्र बनाकर देता है। सूत्रों से पता चला है कि रोहिंग्या मुसलमानों ने देश में घुसपैठ कर पश्चिम बंगाल, बिहार, हैदराबाद और जम्मू-कश्मीर में अपना ठिकाना बनाना शुरु कर दिया है। माना जा रहा है कि इसमें कई मुसलमान आतंकी संगठनों के संपर्क में भी हो सकते हैं। बहरहाल, केंद्रीय जांच एजेंसियां जल्द ही इनके पूरे रूट की पड़ताल कर इन पर लगाम लगाएंगे। सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर कोई भी रिस्क लेने के मूड में नहीं है। जबकि इनके नाम पर देश में सियासत भी खूब हो रही है।