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मेरी किताब के विमोचन में नहीं आए अटल, तो हुआ था दुख : आडवाणी

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में सोमवार को शोक सभा का आयोजन किया गया. शोकसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा कि अटल को बिना किसी सभा को संबोधित करूंगा. आडवाणी ने कहा कि मुझे इस बात का हमेशा दुख रहेगा कि अटल जी मेरी आत्मकथा के विमोचन में नहीं आए. हम साथ किताबें पढ़ते थे और साथ सिनेमा जाते थे. उन्होंने कहा कि अटल की अनुपस्थिति में बोलने पर कष्ट हो रहा है.

वहीं, आडवाणी से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीवन कितना लंबा हो, यह हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन जीवन कैसा हो, यह हमारे हाथ में है. अटल जी ने यह जी कर दिखाया कि जीवन कैसा हो, क्यों हो, किसके लिए हो. अटल जी को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित इस शोकसभा में तमाम दलों और सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हुए. जीवन सच्चे अर्थ में वही जी सकता है जो पल को जीना जानता है. किशोर अवस्था से लेकर जब तक जीवन ने साथ दिया, अटल जी ने सामान्य मानव के लिए जीवन जीया.