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बैलट पेपर से हो सकते हैं यूपी निगर निकाय के चुनाव

नई दिल्ली/लखनऊ। चुनाव में वोटिंग के लिए ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर कुछ राजनीतिक दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों को यूपी निर्वाचन आयोग की एक चिट्ठी ने हवा दे दी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी में कहा है कि उसके पास 2006 से पुरानी ईवीएम हैं और उनसे चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने बैलट पेपर से चुनाव कराए जाने की वकालत की है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि यूपी में जुलाई के महीने में होने वाले निगर निकाय चुनाव बैलट पेपर से कराए जा सकते हैं।

राज्य निर्वाचन आयुक्त की ओर से भेजे गए पत्र में नई ईवीएम उपलब्ध कराए जाने की मांग की गई है। पत्र में सुझाव दिया गया है कि अगर नई ईवीएम उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं तो बैलट पेपर से ही चुनाव कराए जाएं। दसअसल, फिलहाल आयोग के पास 2006 से पुरानी ईवीएम हैं। राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि 2006 तक की ईवीएम का उपयोग केंद्रीय निर्वाचन आयोग बंद कर चुका है, इसलिए इससे चुनाव कराने का औचित्य नहीं है।

बता दें कि राजस्थान के धौलपुर में ईवीएम में पाई गई कथित गड़बड़ी के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने यही आरोप लगाया था कि वोटिंग के लिए 2006 से पहले की पुरानी ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसमें गड़बड़ी की जा सकती है।

बता दें कि यूपी और पंजाब सहित पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद बीएसपी अध्यक्ष मायावती, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे। कई दूसरे बड़े नेताओं ने भी इन आरोपों का समर्थन करते हुए जांच की मांग की थी। हालांकि चुनाव आयोग साफ कर चुका है कि ईवीएम में किसी भी तरह की छेड़छाड़ मुमकिन नहीं है। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है। कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर इस संबंध में जवाब मांगा है।