इसके अलावा पार्टी ने 30 लोकसभा सीटों पर केंद्रित रहने की रणनीति बनाई है। इनमें से 22 सीटों पर पार्टी का परंपरागत वर्चस्व रहा है। आठ ऐसी सीटें हैं, जहां कांग्रेस का आधार तो है लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में वह चौथे और पांचवें नंबर पर रही थी।
कांग्रेस में प्रियंका को फ्रंट लाइन पर लाने की मांग लंबे समय से चल रही है। सोनिया गांधी के खराब स्वास्थ्य के चलते प्रियंका ही लंबे समय से उनके संसदीय क्षेत्र को देखती हैं। इसके अलावा वह भाई राहुल गांधी के चुनाव क्षेत्र का भी जब तब दौरा करती रहती हैं और विकास कार्यों की निगरानी करती हैं। इस लिहाज से रायबरेली संसदीय क्षेत्र के लिए पार्टी को प्रियंका की उम्मीदवारी सबसे मजबूत दिख रही है।
राहुल गांधी की ताजपोशी के बाद संसद सत्र में सोनिया गांधी ने सक्रिय राजनीति से किनारा करने के संकेत भी दिए थे। पार्टी प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि प्रियंका वाड्रा कांग्रेस में हमेशा से सक्रिय हैं। यूपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश सिंह सोनिया गांधी की सक्रिय राजनीति से विदाई और प्रियंका के रायबरेली से लड़ने के सवाल पर इतना ही कहा कि अभी उन्हें इस बाबत कोई जानकारी नहीं है।