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प्रधानमंत्री किसान योजना: 4.74 करोड़ किसानों को अगले महीने से मिलेगी दूसरी किस्त

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत पंजीकृत करीब 4.74 करोड़ किसानों को अगले महीने 2,000 रुपये की दूसरी किस्त मिलेगी. यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में डाली जाएगी. गत 10 मार्च को लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले इस योजना के तहत 4.74 करोड़ छोटे और सीमान्त किसानों का पंजीकरण हो चुका है.

निर्वाचन आयोग ने दी अनुमति
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शनिवार को बताया कि इन 4.74 करोड़ किसानों में से 2.74 करोड़ लाभार्थियों को पहली किस्त मिल चुकी है. शेष बचे किसानों को इस महीने के अंत तक पहली किस्त मिल जाएगी. अधिकारी ने बताया कि भारतीय निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय को 10 मार्च से पहले पंजीकृत लाभार्थियों के खातों में पहली और दूसरी किस्त डालने की अनुमति दे दी है.

ऐसे किसानों को मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में 75,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की घोषणा की थी. इस योजना के तहत दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों के खातों में तीन किस्तों में 6,000 रुपये की राशि डाली जाएगी. बजट में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने मार्च के अंत तक योजना के तहत 2,000 रुपये की पहली किस्त लाभार्थियों के बैंक खातों में डालने के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे.

24 फरवरी को योजना की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में औपचारिक रूप से इस योजना की शुरुआत की थी. इस दौरान 1.01 करोड़ किसानों के खातों में 2,021 करोड़ रुपये की राशि स्थानांतरित की गई थी. अधिकारी ने कहा कि हम देश भर से 12 करोड़ किसानों के आंकड़ों की उम्मीद कर रहे थे. लेकिन आचार संहिता लागू होने तक सिर्फ 4.74 करोड़ किसानों का पंजीकरण हो सका है. अधिकारी ने बताया कि दूसरी किस्त का भुगतान पहली अप्रैल से शुरू होगा.

पंजाब और हरियाणा सबसे बड़े लाभार्थी
उत्तर प्रदेश में योजना के तहत एक करोड़ किसानों को पहली किस्त का भुगतान किया गया है. इसके अलावा केंद्र को 66 लाख और किसानों का डेटा मिल चुका है. अधिकारी ने कहा कि पंजाब और हरियाणा इस योजना के सबसे बड़े लाभार्थियों में हैं. इन राज्यों के 80 प्रतिशत किसानों का पंजीकरण योजना के तहत हो चुका है. वहीं पश्चिम बंगाल, दिल्ली और सिक्किम ने अभी तक किसानों के आंकड़े नहीं दिए हैं. ऐसे में इन राज्यों के किसानों को भुगतान नहीं किया जा सका है.